
शुरुआत से ही हावी हो गए लोग: बताया गया कि बैठक की सूचना जिस प्रकार के शब्दों का चयन कर लोगों को दी गई थी, इससे लोगों में नाराजगी थी. कई लोगों ने बताया कि सूचना का मजमून इस प्रकार था जैसे कोर्ट-कचहरी से भेजे जाने वाले नोटिस का होता है. इस पर कई सदस्यों ने बैठक में ही आपत्ति जता दी. दूसरा यह कि प्रमुख और उपप्रमुख को उनके पद नाम से संबोधित करने के बजाए पंचायत समिति सदस्य के नाम से संबोधित किया गया था. इस कारण प्रमुख चंद्रकला देवी बैठक में नहीं आ पाई, जबकि बैठक की अध्यक्षता के लिए उन्हीं का नाम प्रस्तावित था. चर्चा है कि थानाध्यक्ष ने जब उनके पति व राजद नेता जयप्रकाश यादव से बात की तो उन्होंने ऐसे संबोधन पर कड़ी आपत्ति जतायी.
पीड़ित को हाजत में बंद करने का भी उठा मामला: बताया गया कि जब थानाध्यक्ष ने लोगों से अपराध पर नियंत्रण करने के लिए सहयोग की अपेक्षा जतायी, तो कुछ लोगों ने कहा कि पिछले दिनों बाजार के एक पीड़ित को ही पुलिस ने हाजत में बंद कर दिया था. यह मानवाधिकार का उल्लंघन है. पुलिस को ऐसा नहीं करना चाहिए। इस पर थानाध्यक्ष सफाई देते रहे.
हालांकि इन सबके बावजूद उपस्थित जनप्रतिनिधियों और गणमान्य लोगों ने थानाध्यक्ष श्री पंडित को आश्वासन दिया कि थानाक्षेत्र में बढ़ते अपराध को रोकने में उन्हें आमजन का हर संभव सहयोग मिलेगा.
मौके पर जदयू के वरीय नेता सियाराम यादव, जिप सदस्य सूरज सिंह, मुखिया संघ अध्यक्ष किशोर कुमार पप्पू, जदयू के जिला महासचिव दीपक कुमार, उपप्रमुख कृष्ण कुमार यादव, व्यापार संघ महासचिव अशोक कुमार भगत, मुखिया किशोरी सिंह, मुखिया मोहन मिश्र, मुखिया पिंकी देवी, मंजूर आलम, कैलाश भगत, पूर्व उपप्रमुख राजेश कुमार झा, मो लुकमान आलम, सरपंच राजीव कुमार, सरपंच किरण देवी, बबलू यादव, लालबहादुर साह व अन्य मौजूद थे.
पुलिस-पब्लिक बैठक में हुई पुलिस के कार्यशैली की जमकर खिंचाई
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 22, 2016
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