मधेपुरा नगर परिषद् अध्यक्ष डॉ. विशाल कुमार बबलू और उपाध्यक्ष राम कृष्ण यादव के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव में विरोधियों को फिलहाल हार का सामना करना पड़ा है. आज मतदान प्रक्रिया के तहत कराया गया मतविभाजन अत्यंत ही रोचक दौर से गुजर कर बेकार साबित हुआ.
मुख्य पार्षद के खिलाफ लगाये गए अविश्वास प्रस्ताव पर आज हुए मतगणना से पूर्व कुल 26 वार्ड पार्षदों वाले नगर परिषद् के महज 15 पार्षद ही मौजूद थे. नगर परिषद्, मधेपुरा में आज की विशेष बैठक के लिए अध्यक्षता का भार पूर्व चेयरमैन विजय कुमार बिमल को दिया गया था. मतविभाजन में 13 मत अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में और एक मत विपक्ष में पड़े, जबकि बाकी एक सादा रहने के कारण अवैध घोषित कर दिया गया. यही हाल उप-मुख्य पार्षद के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के मामले में मतविभाजन के दौरान भी रहा.
अंत में बताया गया कि 26 वार्ड पार्षदों वाले सदन में अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के लिए आधे से एक अधिक यानि 14 वैध मतों की आवश्यकता थी. विशेष बैठक के अध्यक्ष की कास्टिंग वोट करने की मांग को खारिज करते हुए अविश्वास प्रस्ताव अस्वीकृत कर दिया गया और इस प्रकार मुख्य पार्षद डॉ. विशाल कुमार बबलू और उपाध्यक्ष रामकृष्ण यादव फिलहाल अपने-अपने पदों पर बने रह गए हैं.
कास्टिंग वोट को मान्यता नहीं देने के कारण परिणाम के बाद जहाँ विजय कुमार बिमल और उनके साथ मौजूद पार्षदों ने असंतोष जाहिर करते हुए परिणाम के खिलाफ न्यायालय जाने की बात कही है वहीँ मुख्य पार्षद डॉ. विशाल कुमार बबलू ने विरोधियों को विकास विरोधी बताते हुए कहा कि विकास चाहने वालों की जीत हुई है.
मुख्य पार्षद के खिलाफ लगाये गए अविश्वास प्रस्ताव पर आज हुए मतगणना से पूर्व कुल 26 वार्ड पार्षदों वाले नगर परिषद् के महज 15 पार्षद ही मौजूद थे. नगर परिषद्, मधेपुरा में आज की विशेष बैठक के लिए अध्यक्षता का भार पूर्व चेयरमैन विजय कुमार बिमल को दिया गया था. मतविभाजन में 13 मत अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में और एक मत विपक्ष में पड़े, जबकि बाकी एक सादा रहने के कारण अवैध घोषित कर दिया गया. यही हाल उप-मुख्य पार्षद के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के मामले में मतविभाजन के दौरान भी रहा.
अंत में बताया गया कि 26 वार्ड पार्षदों वाले सदन में अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के लिए आधे से एक अधिक यानि 14 वैध मतों की आवश्यकता थी. विशेष बैठक के अध्यक्ष की कास्टिंग वोट करने की मांग को खारिज करते हुए अविश्वास प्रस्ताव अस्वीकृत कर दिया गया और इस प्रकार मुख्य पार्षद डॉ. विशाल कुमार बबलू और उपाध्यक्ष रामकृष्ण यादव फिलहाल अपने-अपने पदों पर बने रह गए हैं.
कास्टिंग वोट को मान्यता नहीं देने के कारण परिणाम के बाद जहाँ विजय कुमार बिमल और उनके साथ मौजूद पार्षदों ने असंतोष जाहिर करते हुए परिणाम के खिलाफ न्यायालय जाने की बात कही है वहीँ मुख्य पार्षद डॉ. विशाल कुमार बबलू ने विरोधियों को विकास विरोधी बताते हुए कहा कि विकास चाहने वालों की जीत हुई है.
मधेपुरा नगर परिषद् के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव अस्वीकृत
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 05, 2016
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