बिहार सरकार की पूर्ण शराबबंदी को जहाँ आम लोगों और खासकर महिलाओं का भारी समर्थन मिल रहा है वहीँ शराब पकडाने के बाद इसे रखने वाले की मुश्किलें न्यायालयों में भी कम नहीं हो रही है.
एक्साइज एक्ट के अधिकाँश मामलों में जहाँ निम्न न्यायालयों द्वारा आरोपियों की जमानतें खारीज की जा रही है वहीं जमानत देने के मामले में उच्च न्यायालय भी सख्त दिखती है.
मधेपुरा जिले के कुमारखंड के भतनी ओपी के एक मामले, जहाँ एक घर से 79 बोतल देशी शराब बरामद किया गया था, में पटना उच्च न्यायालय ने अपने जमानत आदेश में लिखा है कि यदि ऐसे ही मामले में अभियुक्त फिर से आरोपित होता है तो अभियोजन अभियुक्त की इस पहले मुक़दमे में भी जमानत को रद्द करवाने के लिए न्यायालय में प्रार्थना कर सकता है.
जाहिर है, दुबारा ऐसी गलती करने से पहले शराब रखने वालों को क़ानून के गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं.
(नि.सं.)
एक्साइज एक्ट के अधिकाँश मामलों में जहाँ निम्न न्यायालयों द्वारा आरोपियों की जमानतें खारीज की जा रही है वहीं जमानत देने के मामले में उच्च न्यायालय भी सख्त दिखती है.
मधेपुरा जिले के कुमारखंड के भतनी ओपी के एक मामले, जहाँ एक घर से 79 बोतल देशी शराब बरामद किया गया था, में पटना उच्च न्यायालय ने अपने जमानत आदेश में लिखा है कि यदि ऐसे ही मामले में अभियुक्त फिर से आरोपित होता है तो अभियोजन अभियुक्त की इस पहले मुक़दमे में भी जमानत को रद्द करवाने के लिए न्यायालय में प्रार्थना कर सकता है.
जाहिर है, दुबारा ऐसी गलती करने से पहले शराब रखने वालों को क़ानून के गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं.
(नि.सं.)
शराब मामले पर हाई कोर्ट भी सख्त: दुबारा पकड़ाया तो होगी पहले की जमानत भी रद्द
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
May 10, 2016
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