मधेपुरा जिले के चौसा प्रखंड में चैत में पानी के लिए हाहाकार मचने लगा है. प्रखंड के कई क्षेत्रों में भूमिगत जल का लेयर भी औसत से 9.8 फीट नीचे चला गया है. प्रखंड के सभी क्षेत्रों में पानी के लिए कमोबेश यहीस्थिति बनी हुई है. लोगों के पानी के लिए पसीने बह रहे हैं. भीषण गर्मी में अगर पानी की समस्या हो तो कठिनाई का अंदाजा सहज हो सकता है. लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग इस समस्या के प्रति बेपहवाह है. लोग अपने बूते पानी की जुगत कर रहे है. भूमिगत जल स्तर नीचे सिखक रहे है. ताल-तलैये सूख गए हैं. चापाकल जवाब देने लगे हैं. कई हिस्सों में जलस्तर औसत से 8 से 10 फीट नीचे तक चला गया है. सिंचाई के लिए गाड़े गए बोरिंग पंप भी जवाब देने लगे है.
इसके अलावे चौसा प्रखंड के कई हिस्सों में चापाकल के पानी में आर्सेनिक की खतरनाक मात्रा है. प्रभावित क्षेत्र के लोग आर्सेनिकोसिस रोग से पीड़ित हो रहे हैं. कई क्षेत्रों के पानी में आयरन की प्रचुरता के कारण पानी का रंग पीला हो गया है.
ताल-तलैया भी सूखे:- प्रखंड के सभी ताल-तलैया भी सूखे पड़े हैं. बरसाती नदियों में तो एक बूँद पानी तक नही है. नदियों की स्थिति भी ठीक-ठाक नहीं चल रही है. वर्षा भी लगातार दगा दे रही है. वर्ष 2008 से अबतक लगातार औसतन 50 से 60 प्रतिशत कम वर्षा हुई है. प्रखंड के कई सैरात सूखे हैं. इसके अलावा अन्य जलाशयों में भी एक बूंद पानी नहीं है. पशुपालक किसानों को परेशानी का सामना कर पड़ा है.
पीएचईडी की योजनाओं का सच:-अगर प्रखंड में कहीं भी आपकों सड़क किनारे तथा सार्वजनिक स्थल पर खराब पड़े व सूखे पड़े चापाकल दिखे तो समझ लीजिए कि यह लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग का चापाकल है. कहने को तो विभाग के द्वारा प्रखंड में सैकड़ों चापाकल गाड़े गए हैं, पर साधारण मरम्मत के अभाव में भी कई चापाकल खराब पड़े हुए हैं. चौसा के लोग आजतक जलमीनार का इंजतार ही कर रहे हैं. लोग निजी चापाकल से काम चलाते हैं. विभाग में एक भी कर्मचारी नही हैं और उधार पर चल रहा है चौसा का यह विभाग.
बदहाल है ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजना:- प्रखंड में ग्रामीण पेयजल आपूर्ति योजना का हाल बेहाल है. करोड़ों खर्च के बाद भी लोगों को लाभ नहीं मिल रहा है. चौसा ग्रामीण जलापूर्ति से पानी का सप्लाई बंद है.
मेगा प्लान का इंतजार:- चौसा के लोगों को अब तक मेगा वाटर प्लान इंतजार है. योजना खटाई में पड़ी है. विभाग अब तक चौसा में आर्सेनिक मात्रा की जांच भी नही की है. लोग आर्सेनिक युक्त पानी पीकर बीमार हो रहे हैं.

इन पंचायत में औसत से नीचे जलस्तर:- अरजपुर, चौसा, कलासन, घोषई पंचायत के कई गाँव में भूमिगत जल का लेयर नीचे चला गया है.
इन पंचायत में औसत से ऊपर जलस्तर:- जलस्तर लौआलगान, मोरसंडा, फुलौत, चिरौरी, पैना पंचायत के कई गाँव में भूमिगत जल का लेयर अभी औसत से ऊपर है.
क्या है शहर में वाटर सप्लाई की स्थिति:- पानी सप्लाई तथा प्रखंड मुख्यालय में पेयजल की समुचित व्यवस्था प्रति लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग पूरी तरह उदासीन है. पीएचईडी के भरोसे लोग प्यासे मर जाएंगे. चौसा व आसपास के शहरी इलाकों की आबादी तकरीबन पचास हो चुकी है. प्रखंड कार्यालय चौसा पंप से आम आदमी का पानी सप्लाई पूरी तरह बंद है. पूर्व में शहर के विभिन्न जगहों पर बने एक दर्जन से अधिक पेयजल पोस्ट का अब मृत अवस्था में है.
चौसा में पानी के लिए हाहाकार: लोग हो रहे बीमार
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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April 21, 2016
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