स्कूल संचालकों को धमकियों और हमले का सिलसिला जारी: डॉक्टर और स्कूल संचालक अपराधियों के ‘सॉफ्ट टारगेट’
कोसी के इलाके में हाल के दिनों में अपराधियों के निशाने पर एक तरफ चिकित्सक हैं तो दूसरी तरफ स्कूल संचालक. जब भी हमले या धमकियों के आरोपियों को पुलिस अपनी गिरफ्त में लेती है तो कई बातें ऐसी पता चलती है, जिससे ये लगता है कि इन दोनों प्रोफेशन से जुड़े लोगों को अपराधी ‘सॉफ्ट टार्गेट’ के रूप में मानकर चलते हैं.
हाल में कोसी में कई चिकित्सकों को मिली धमकियाँ और रंगदारी की मांग को भी पुलिस प्रशासन के द्वारा हलके में लेना कहीं से उचित नहीं होगा. गत महीने में मधेपुरा के एक कोचिंग संचालक से रंगदारी की मांग के बाद कल फिर से एक कोचिंग संचालक को जान से मारने की धमकी गंभीर बात है. कल ही सहरसा में भी एक कोचिंग संचालक पर गोली चलाई गई है, जो चिंता का विषय है. पुलिस के हाथ जल्द ही अपराधियों के गिरेबान तक न सिर्फ पहुंचने चाहिए बल्कि ऐसे अपराधियों को दुनियां के सामने लाकर इन्हें कड़ी से कड़ी सजा भी दिलवाना चाहिए.
माना जा सकता है कि अपराधियों की नजर में चिकित्सक और निजी स्कूल के संचालक आर्थिक रूप से अधिक संपन्न और तेजी से प्रगति करने वाले हो सकते हैं, पर आज की तारीख में ये दोनों कोसी में स्वास्थ्य और शिक्षा की धुरी बन कर सामने उभरे हैं. सरकारी अस्पताल और सरकारी स्कूलों की दयनीय स्थिति के सहारे समाज का वास्तविक रूप में स्वस्थ और शिक्षित होना असंभव सा है.
वैसे भी धमकी देना, रंगदारी माँगना और हमला करना बड़ा अपराध है और ये वक्त पुलिस के आलस्य का तो बिलकुल नहीं, वर्ना कल वक्त हाथ से बाहर होने पर विकास के मामले में कोसी का इलाका फिर पिछड़ सकता है.
हाल में कोसी में कई चिकित्सकों को मिली धमकियाँ और रंगदारी की मांग को भी पुलिस प्रशासन के द्वारा हलके में लेना कहीं से उचित नहीं होगा. गत महीने में मधेपुरा के एक कोचिंग संचालक से रंगदारी की मांग के बाद कल फिर से एक कोचिंग संचालक को जान से मारने की धमकी गंभीर बात है. कल ही सहरसा में भी एक कोचिंग संचालक पर गोली चलाई गई है, जो चिंता का विषय है. पुलिस के हाथ जल्द ही अपराधियों के गिरेबान तक न सिर्फ पहुंचने चाहिए बल्कि ऐसे अपराधियों को दुनियां के सामने लाकर इन्हें कड़ी से कड़ी सजा भी दिलवाना चाहिए.
माना जा सकता है कि अपराधियों की नजर में चिकित्सक और निजी स्कूल के संचालक आर्थिक रूप से अधिक संपन्न और तेजी से प्रगति करने वाले हो सकते हैं, पर आज की तारीख में ये दोनों कोसी में स्वास्थ्य और शिक्षा की धुरी बन कर सामने उभरे हैं. सरकारी अस्पताल और सरकारी स्कूलों की दयनीय स्थिति के सहारे समाज का वास्तविक रूप में स्वस्थ और शिक्षित होना असंभव सा है.
वैसे भी धमकी देना, रंगदारी माँगना और हमला करना बड़ा अपराध है और ये वक्त पुलिस के आलस्य का तो बिलकुल नहीं, वर्ना कल वक्त हाथ से बाहर होने पर विकास के मामले में कोसी का इलाका फिर पिछड़ सकता है.
(वि.सं.)
स्कूल संचालकों को धमकियों और हमले का सिलसिला जारी: डॉक्टर और स्कूल संचालक अपराधियों के ‘सॉफ्ट टारगेट’
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
March 26, 2016
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