सुपौल- विभिन्न मांगों के समर्थन में जिले के कातिब दो दिवसीय हड़ताल पर चले गये हैं. बिहार दस्तावेज नवीस महासंघ के आह्वान पर सुपौल, निर्मली, त्रिवेणीगंज एवं गणपतगंज के दस्तावेज लेखक बुधवार को  कलम बंद हड़ताल पर रहे. जिस कारण उक्त निबंधन कार्यालय में निबंधन कार्य पूर्णतः ठप रहा. वहीं जिले के किसी भी निबंधन कार्यालय में निबंधन नहीं होने के कारण लाखों रूपये की राजस्व की क्षति के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है. 
      जिला अवर निबंधन कार्यालय परिसर में हड़ताल पर बैठे दस्तावेज नवीसों ने बताया कि राज्य सरकार ऑनलाइन निबंधन प्रणाली की आड़ में दस्तावेज लेखकों एवं प्रशिक्षु दस्तावेज  लेखकों के पेशा को बाधित करने का प्रयास कर रही है. कहा कि सरकार राज्य के युवाओं को रोजगार सृजन की दिशा में कई योजनाओं के संचालन करने बात कर रही है. वहीं रोजगार में लगे युवाओं को बेरोजगार करने की साजिस रच रही है.
क्या है दस्तावेज लेखकों की लंबित मांग: दस्तावेज लेखक कल्याण कोष की स्थापना, दस्तावेज लेखक के पारिश्रमिक का पूर्ण निर्धारण, प्रशिक्षु दस्तावेज लेखकों को बिना शर्त दस्तावेज लेखन का अनुज्ञप्ति प्रदान करना, अनुज्ञप्ति नवीकरण की समय सीमा पांच वर्ष करने, कातिब खाना में शेड निर्माण आदि लंबित मांग हैं, जिसको लेकर दस्तावेज लेखक वर्षों से हड़ताल करते रहे हैं.
(नि.सं.)
दस्तावेज लेखक गये हड़ताल पर: निबंधन कार्य पडा ठप
 
        Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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March 30, 2016
 
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