बाबा का ढाबा चालू: कमाई का है चोखा धंधा ‘बाबागिरी’: अपराधियों ने प्रमोद से छीने थे रूपये तो सदमे में किया था मौन धारण!

पूर्वोत्तर बिहार के मिथिलांचल, सीमांचल और अंग क्षेत्र की जनता को कथित भूमिगत सफल समाधि देखने का पुराना अनुभव रहा है. 
       मधेपुरा जिले के चौसा प्रखंड में भटगामा स्थित प्रमोद बाबा के समाधि स्थल से दक्षिण महज एक किलोमीटर दूरी पर पहले भी संत योगेश ज्ञान स्वरूप तपस्वी  वर्षो पूर्व कोशी नदी पर पक्का पुल की मांग को लेकर जल-समाधि ली और एक बार पैर को मिटटी में गाड़कर बहुत दिनिं तक रहे थे, पर उनका मुद्दा प्रमोद बाबा की तरह खुद की महिमामंडन कराना नहीं था, बल्कि उन्होंने इलाके की जनता के लिए खुद को कष्ट में डाला था. उस वक्त भी यही माहौल था. लेकिन तमाम कुशंकाओं के बावजूद श्री तपस्वी सकुशल बाहर निकल आए थे और आज भी सही सलामत हैं. इसके अलावा इस क्षेत्र में साइकिल से करतब दिखाने वाले साधारण कलाकार भी 24 से  48 घंटे तक जमीन के अंदर समाधि लेकर करतब दिखा चुके हैं और फिर शिक्षा से कोसों दूर क्षेत्र के बहुत सारे लोगों ने उन्हें भी जमकर दान दिया था.
    कथित प्रमोद बाबा पिछले 12 वर्षों से कथित मौन धारण किये हुए हैं. सूत्रों के मुताबिक़ बाबा के मौन धारण करने के पीछे एक राज यह है कि करीब 12 वर्ष पहले बाबा (तब प्रमोद यादव) से एक अपराधी ने जमा की गई मोटी रकम छीन लिया था. कहते हैं बाबा ने उस सदमें में खाना-पीना और बोलना भी छोड़ दिया. कई दिनों तक सदमे में चुपचाप रहने वाले प्रमोद को लोगों ने मौनी बाबा कहना शुरू कर दिया तो बाबा ने भी यही रूप धारण कर लिया. सूत्र ये भी बताते हैं कि बाबा एक समय पहले सायकिल से करतब दिखाया करते थे.
      चूंकि इस इलाके में सायकिल से करतब दिखाने वालों ने इसका बार-बार सफल प्रदर्शन किया था जिसमें, जमीन के अन्दर वैसे गड्ढे जिसे एक ख़ास तकनीक से बनाया जाता है और इस गड्ढे के अन्दर ऑक्सीजन तो जाता है पर सामान्य लोगों को इसका पता नहीं चल पाता है और वे इस हाथ की सफाई या चकमा को चमत्कार मान लेते हैं, तो इस आशंका को भी बल मिलता है कि बाबा ने भी कुछ भक्तों के द्वारा प्रचारित करवा कर इस कला का प्रदर्शन किया. परन्तु बाबा की समाधि के अन्दर का दूसरा दरवाजा बहुत कुछ कह जाता है और अब तो इस शक की गुंजाइश भी बची रह जाती है कि पता नहीं बाबा ऑक्सीजन युक्त पर अँधेरे कमरे में एक दिन भी रहने के लायक हैं या नहीं.

कोसी में नाले के पानी पीने को भी लगी थी भीड़: प्रमोद ‘बाबा’ के पीछे ही नहीं, कुछ वर्ष पूर्व कोसी में कहीं जमीन से पानी निकलने को भी लोगों ने चमत्कार मान लिया था और वहां मौजूद लोगों ने इसे दैवीय चमत्कार बता कर दान पेटी रख दी थी. भीड़ के कारण पानी वाली जगह नाले में तब्दील हो गई फिर भी लोग उस कीचड़युक्त पानी को पीते रहे थे और ‘भक्त प्रबंधक’ ने लाखों की कमाई कर ली थी. इस तरह की कई घटनाएं कोसी में कुछ वर्षों के अंतराल पर होती रही है और कुछ चालू तथा ठग किस्म के लोग लोगों को मूर्ख बनाते रहे हैं.

सांसद ने प्रमोद बाबा को जेल भेजने की दी सलाह तो भड़के भक्त
: बताते हैं कि मधेपुरा के सांसद राजेश रंजन उर्फ़ पप्पू यादव ने प्रमोद जैसे बाबा को जेल में डालने की सलाह दे डाली तो भक्तों ने सांसद का विरोध किया है. भक्तों ने कहा कि सांसद को अध्यात्म का पता नहीं है.
    पर हमारा कहना है कि बाबा और उनके भक्तों को शायद अध्यात्म का पता नहीं है. अंधविश्वास को अध्यात्म कहने वाले बाबा के भक्त ‘अंधविश्वास’ और ‘धर्म’ जैसे गंभीर शब्दों का मजाक बना रहे हैं. हम फिर मांग करते हैं कि प्रशासन बाबा की समाधि स्थल की जांच जल्द करावें इससे पहले कि दो दरवाजों के सारे सबूतों को मटियामेट कर दिया जाय. साथ ही बाबा के शरीर की जांच अभी भी की जाय ताकि पता चल सके कि क्या सचमुच ये बिना खाया-पिया बॉडी है और क्या बिना ऑक्सीजन के भी पृथ्वी पर रहा जा सकता है. बाबा के बॉडी से प्राप्त तकनीक और ज्ञान पर नासा तथा दुनियां भर के वैज्ञानिकों को रिसर्च भी कर डालना चाहिए ताकि जिन ग्रहों पर पानी और हवा नहीं है, उनपर भी मानव सभ्यता का विकास हो सके.

कमाई का चोखा धंधा है बाबागिरी: हालांकि मीडिया से समाधि और बाबा को बचाने वाले भक्तों के द्वारा आरोप के मुताबिक़ दान की बड़ी राशि वसूल करना और फिर नाथ बाबा मंदिर के पास बस और ट्रक वालों से चंदा के नाम पर उगाही भक्तों और बाबा की पोल खोलता है कि पूरी नौटंकी किसलिए की जा रही है. पर चौसा का वो इलाका काफी पिछड़ा है और बहुत से लोग चमत्कार पर ही भरोसा करते हैं इसलिए बाबाओं की बाबागिरी इस इलाके में ज्यादा चल जाती है. वैसे पूरे देश में बाबागिरी का व्यवसाय काफी पुराना है और उससे भी ज्यादा चोखा जो इस कहावत को भी चरितार्थ करता है कि जब तक बेवकूफ धरती पर जिन्दा हैं, होशियार भूखों नहीं मर सकते.
(ब्यूरो रिपोर्ट)
बाबा का ढाबा चालू: कमाई का है चोखा धंधा ‘बाबागिरी’: अपराधियों ने प्रमोद से छीने थे रूपये तो सदमे में किया था मौन धारण! बाबा का ढाबा चालू: कमाई का है चोखा धंधा ‘बाबागिरी’: अपराधियों ने प्रमोद से छीने थे रूपये तो सदमे में किया था मौन धारण! Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on March 15, 2016 Rating: 5

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