मधेपुरा और इलाके के उच्च शिक्षा की एकमात्र उम्मीद बी.एन.एम.यू. एक बार पूरा नाम दुहराना आवश्यक प्रतीत होता है- भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, लालूनगर, मधेपुरा.
कहने की आवश्यकता अब नहीं बचती कि इस यूनिवर्सिटी का नाम महान शिक्षाविद भूपेन्द्र नारायण मंडल के नाम पर रखा गया और जाहिर है बनाने वाले से लेकर इलाके के अनगिनत लोगों ने वर्ष 1992 में आज ही के दिन खुशियाँ मनाई होंगी कि इलाके के शिक्षा की सूरत में निखार आएगा. पर हो न सका. शिक्षा की सूरत बिगड़ती चली गई और कई लोगों का मानना है कि लूट-गबन-घोटाले और राजनीति का अड्डा बनकर रह गया बी.एन.एम.यू. और शायद ऐसी ही कुछ वजहें रही कि आज इस विश्वविद्यालय के लिए सबसे बड़ा दिन ‘भूपेन्द्र नारायण मंडल जयंती सह विश्वविद्यालय स्थापना दिवस’ भी उदासी की चादर ओढ़ कर मनाई गई.
‘भूपेन्द्र नारायण मंडल जयंती सह विश्वविद्यालय स्थापना दिवस’ पर विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित होने वालों की संख्यां हास्यास्पद रही. उपेक्षा का शिकार हो गया कार्यक्रम और विश्वविद्यालय में इतने अधिक शिक्षक और छात्र रहने के बावजूद कार्यक्रम फ्लॉप दिखा. कार्यक्रम में न तो कुलपति की मौजूदगी थी और न ही कार्यक्रम को आयोजित करने वाले कुलसचिव कुमारेश प्रसाद सिंह की.
बी.एन.एम.यू. के प्रो० वी.सी. डॉ. जे.पी.एन. सिन्हा भी उपस्थिति पर मायूस होकर कहते हैं कि विश्वविद्यालय के जीवन में इससे बड़ा दिन नहीं हो सकता. एक महान पुरुष के नाम पर विश्वविद्यालय की स्थापना हुई और इसमें इतने कर्मचारी, शिक्षक और छात्र हैं पर इतने प्रचार के बाद भी निर्धारित समय पर मुश्किल से दस आदमी भी नहीं थे. इससे लगता है कि लोग अच्छी बात को समझना नहीं चाह रहे हैं और माहौल वर्षों से बिगड़ गया है. उन्होंने सरकार की उच्च शिक्षा की नीति की भी आलोचना की.
सद्बुद्धि महायज्ञ का आयोजन करेगी एबीवीपी: उधर ‘भूपेन्द्र नारायण मंडल जयंती सह विश्वविद्यालय स्थापना दिवस’ के फ्लॉप शो साबित होने पर एबीवीपी के छात्र नेता राहुल यादव कहते हैं कि खाली कुर्सियों के बीच कुछ लोग भूपेन्द्र बाबू की जयन्ती मना रहे हैं और छात्रो, छात्र संगठन और मीडिया तक को इतने बड़े कार्यक्रम की जानकारी नहीं दी गई है. जयंती के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रही है. इसके खिलाफ हमलोग कल सद्बुद्धि महायज्ञ का आयोजन कर रहे हैं कि विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों को सद्बुद्धि आए.
खैर जैसे भी हो, उद्घाटनकर्ता संस्थापक कुलपति डॉ. रामेन्द्र कुमार यादव रवि तथा अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम मनाया.
कहने की आवश्यकता अब नहीं बचती कि इस यूनिवर्सिटी का नाम महान शिक्षाविद भूपेन्द्र नारायण मंडल के नाम पर रखा गया और जाहिर है बनाने वाले से लेकर इलाके के अनगिनत लोगों ने वर्ष 1992 में आज ही के दिन खुशियाँ मनाई होंगी कि इलाके के शिक्षा की सूरत में निखार आएगा. पर हो न सका. शिक्षा की सूरत बिगड़ती चली गई और कई लोगों का मानना है कि लूट-गबन-घोटाले और राजनीति का अड्डा बनकर रह गया बी.एन.एम.यू. और शायद ऐसी ही कुछ वजहें रही कि आज इस विश्वविद्यालय के लिए सबसे बड़ा दिन ‘भूपेन्द्र नारायण मंडल जयंती सह विश्वविद्यालय स्थापना दिवस’ भी उदासी की चादर ओढ़ कर मनाई गई.
‘भूपेन्द्र नारायण मंडल जयंती सह विश्वविद्यालय स्थापना दिवस’ पर विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित होने वालों की संख्यां हास्यास्पद रही. उपेक्षा का शिकार हो गया कार्यक्रम और विश्वविद्यालय में इतने अधिक शिक्षक और छात्र रहने के बावजूद कार्यक्रम फ्लॉप दिखा. कार्यक्रम में न तो कुलपति की मौजूदगी थी और न ही कार्यक्रम को आयोजित करने वाले कुलसचिव कुमारेश प्रसाद सिंह की.
बी.एन.एम.यू. के प्रो० वी.सी. डॉ. जे.पी.एन. सिन्हा भी उपस्थिति पर मायूस होकर कहते हैं कि विश्वविद्यालय के जीवन में इससे बड़ा दिन नहीं हो सकता. एक महान पुरुष के नाम पर विश्वविद्यालय की स्थापना हुई और इसमें इतने कर्मचारी, शिक्षक और छात्र हैं पर इतने प्रचार के बाद भी निर्धारित समय पर मुश्किल से दस आदमी भी नहीं थे. इससे लगता है कि लोग अच्छी बात को समझना नहीं चाह रहे हैं और माहौल वर्षों से बिगड़ गया है. उन्होंने सरकार की उच्च शिक्षा की नीति की भी आलोचना की.
सद्बुद्धि महायज्ञ का आयोजन करेगी एबीवीपी: उधर ‘भूपेन्द्र नारायण मंडल जयंती सह विश्वविद्यालय स्थापना दिवस’ के फ्लॉप शो साबित होने पर एबीवीपी के छात्र नेता राहुल यादव कहते हैं कि खाली कुर्सियों के बीच कुछ लोग भूपेन्द्र बाबू की जयन्ती मना रहे हैं और छात्रो, छात्र संगठन और मीडिया तक को इतने बड़े कार्यक्रम की जानकारी नहीं दी गई है. जयंती के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रही है. इसके खिलाफ हमलोग कल सद्बुद्धि महायज्ञ का आयोजन कर रहे हैं कि विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों को सद्बुद्धि आए.
खैर जैसे भी हो, उद्घाटनकर्ता संस्थापक कुलपति डॉ. रामेन्द्र कुमार यादव रवि तथा अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम मनाया.
फिर बीएनएमयू का दिखा बदरंग चेहरा: भूपेन्द्र बाबू की जयंती में लोग नदारद
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
February 01, 2016
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