मधेपुरा: स्वतंत्रता सेनानी भुवनेश्वर प्रसाद यादव के निधन से शोक की लहर

09 अगस्त 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन मे ब्रिटिश हुकुमत के खिलाफ लोहा लेने वाले महान स्वतंत्रता सेनानी भुवनेश्वर प्रसाद यादव का निधन गुरूवार की अहले सुबह 4:00 बजे हो गया. 97 वर्षीय भूवनेश्वर बाबू के निधन की खबर पाते ही इलाके में शोक की लहर फ़ैल गई.
    महान स्वतंत्रता सेनानी भुवनेश्वर प्रसाद यादव का जन्म 31 दिसम्बर 1919 को हरिपुर कला मे हुआ था. उनका जीवन शिक्षण कार्य एवं समाज को एक सूत्र मे लेकर चलने का रहा है. भुवनेश्वर बाबू को पुत्र के बदले उनके पौत्र राजीव कुमार उर्फ गोपालजी ने मुखाग्नि देकर बेटे का फर्ज निभाया, क्योंकि स्व० भुवनेश्वर बाबू के पुत्र सुरेश प्रसाद यादव भी कुछ वर्ष स्वर्ग सिधार गए थे. स्व० भुवनेश्वर बाबू अपने पीछे एक पुत्र एवं दो पुत्री सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं. उन्होने शिक्षक रहने के बावजूद अंग्रेजो के खिलाफ जारी आंदोलन मे भाग लिया था. बताया गया कि भूवनेश्वर बाबू 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन मे कॉन्ग्रेस कमिटि के साथ मिलकर अंग्रेजों को भारत से भगाने में अहम् योगदान दिया था. उन्होने स्थानीय नेता शिवनन्दन प्रसाद मंडल, कमलेश्वरी प्रसाद मंडल एवं भूपेन्द्र नारायण मंडल जैसे कई नेताओं के साथ अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठाने का काम किया था.   
          भुवनेश्वर प्रसाद यादव के निधन पर बीडीओ अनुरंजन कुमार, सीओ जय प्रकाश स्वर्णकार, एसएचओ राजेश कुमार एवं शिक्षक संघ राज्य कार्यकारणी सदस्य विश्वजीत कुमार पिंटू ने उनके मृत्यु स्थान हरिपुर कला जाकर श्रद्धांजलि अर्पित किया. मौके पर विश्वजीत कुमार पिंटू ने कहा कि भूवनेश्वर बाबू ने जो देश की सेवा मे अपना जीवन लगाया, उसे कभी भुलाया नही जाऐगा. नाम आँखों से स्व.भूवनेश्वर बाबू के पार्थिव शरीर को पूरे गाँव मे घुमाया गया.
(रिपोर्ट: अजय कुमार सिंह)
मधेपुरा: स्वतंत्रता सेनानी भुवनेश्वर प्रसाद यादव के निधन से शोक की लहर मधेपुरा: स्वतंत्रता सेनानी भुवनेश्वर प्रसाद यादव के निधन से शोक की लहर Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on January 07, 2016 Rating: 5

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