जिले भर के विभिन्न घाटों पर आज अस्ताचलगामी
सूर्य को अर्ध्य प्रदान करने श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. महिलाओं तथा व्रत रख रहे कुछ पुरुषों ने अर्ध्य के समय से करीब एक घंटे पहले से ही पानी में खुद को खड़ा रखा और सूर्य की उपासना की. आज दोपहर बाद से ही घाटों पर फलों और पूजन सामग्री के साथ श्रद्धालु डाला उठाकर पहुंचना शुरू हालांकि आज जिले में मौसम सुबह से ही खराब था, जिसकी वजह से सूर्य के दर्शन रूक-रूक कर होते रहे. निर्धारित समय पर अधिकाँश श्रद्धालुओं के लिए सूर्य के दर्शन मुश्किल थे. पर आस्था से ओतप्रोत महिलायें और व्रत कर रहे पुरुषों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्ध्य देकर आस्था के महापर्व छठ को मनाया.

बता दें कि आस्था का यह महापर्व जिले समेत बिहार के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है और इसे महिलायें पूरे नियम के साथ मानती हैं. डाला चढ़ाने के लिए सबों की मन्नतें अलग-अलग होती है. कई लोग तो दूसरों से मांग कर ही डाला चढ़ाते हैं.
जिला मुख्यालय स्थित भिरखी पुल के घाटों पर सबसे अधिक भीड़ देखने को मिली. यहाँ कई वर्षों से शहर के उत्तम टेंट हाउस के द्वारा अपनी तरफ से सजावट आदि की जाती है तथा यहाँ भीड़ को देखते हुए प्रशासन भी तत्पर दिखाई देती है. यहाँ के घाट पर प्रशासन की तरफ से आपदा से लड़ने के लिए स्टीमर और गोताखोरों की व्यवस्था की गई थी. पानी के अन्दर बैरिकेटिंग भी की गई थी. मधेपुरा के सदर एसडीओ संजय कुमार निराला विभिन्न घाटों पर घूम-घूमकर जायजा लेते दिखे.
विभिन्न घाटों पर छठ के बजते गीतों से माहौल हमेशा पर्वमय रहा. जिले के सभी घाटों का वातावरण धूप-अगरबत्तियों से सुगंधमय रहा. अर्ध्य का समय होते ही श्रद्धालुओं ने डूबते सूर्य को अर्ध्य देकर भगवान से सुख, शांति और समृद्धि की याचना की. कल उगते सूर्य को अर्ध्य के साथ ही इस वर्ष आस्था के इस महापर्व का समापन हो जाएगा. (नि.सं.)
आस्था का महापर्व छठ: अस्ताचलगामी सूर्य को दिया अर्ध्य
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 17, 2015
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