दांतों की तकलीफ से अक्सर लोग इस कदर परेशान हो जाते हैं कि उन्हें चिकित्सक की शरण में जाना होता है. बदलते समय में दांत न सिर्फ खाने के काम आता है बल्कि चेहरे की सुन्दरता में भी यह ख़ास भूमिका निभा रहा है और जाहिर है बेहतर डेंटिस्ट आपकी दांतों को बेहतर बनाने में ख़ास हो रहा है. पर देश भर के अधिकांश अस्पतालों में यत्र-तत्र बिखरी गंदगी आपकी जान के लिए खतरे की घंटी हैं. कई अन्य बीमारियों की तरह दांत का संक्रमण भी जानलेवा साबित हो सकता है.
मधेपुरा जिले भर में छोटे-बड़े डेंटिस्ट की भरमार है, पर योग्य की संख्यां गिनी-चुनी है. कुछ डॉक्टर के पास जाने के बाद भी लोगों की शिकायतें या तो पूर्ववत रहती है या फिर कई मामलों में बढ़ ही जाती है. कारण कई हो सकते हैं पर गंदगी और संक्रमण एक बड़ी वजह है.
मधेपुरा जिला मुख्यालय के बाय पास रोड में कर्पूरी चौक के पास स्थित निशांत डेंटल हॉस्पिटल में ऑपरेशन आदि के लिए प्रयोग किये जा रहे इंस्ट्रूमेंट्स ‘अल्ट्रावायलेट चेंबर’ में स्टरलाइज करने के अलावे ‘डिजिटल ऑटोक्लेव’ इंस्ट्रूमेंट को 100% कीटाणु और संक्रमणरहित बनाने में सक्षम हैं. क्लिनिक के अनुभवी डॉक्टर नीरव निशांत बताते हैं कि इलाके में एडवांस डेंटल केयर की कमी को देखते हुए ही उन्होंने मधेपुरा में सारी व्यवस्था से युक्त अस्पताल खोलने का निर्णय लिया. मणिपाल से बीडीएस, पीजीएस इन ओरल इम्प्लांटोलॉजी, एफएजीई, एमआईडीए जैसी डिग्री लिए डॉ० निशांत कहते हैं कि वे नीडल से लेकर ग्लव्स तक सिंगल यूज का रखते हैं ताकि न सिर्फ मरीज बल्कि डॉक्टर को भी संक्रमण का कोई खतरा नहीं रहे. यहाँ तक कि उन्होंने गर्भवती महिलाओं के पहनने के लिए ‘लेड एप्रोन’ भी रखा है ताकि दांतों के ऑपरेशन आदि के समय गर्भस्थ शिशु पर मशीन चलने का कोई बुरा प्रभाव न पड़े. कारण बताते वे कहते हैं कि दांतों के प्रत्यारोपण, पायरिया के इलाज, पार्शियल डेन्चर, जबड़े और मसूड़े से सम्बंधित सर्जरी करने के दौरान यदि सबकुछ संक्रमणमुक्त रहता है तो अच्छे तरीके से किये गए काम का परिणाम शत-प्रतिशत मिलता है.
यही नहीं संक्रमण की वजह से अक्सर बीमारी का ठीक होना तो दूर बल्कि कई अन्य सम्बंधित बीमारियाँ भी हो सकती है और मरीज की तकलीफ में इजाफा हो सकता है. और यही वजह है कि आज हर अच्छे अस्पताल की प्राथमिकता सफाई है ताकि किसी भी तरह के संक्रमण की कोई आशंका बाकी न रह जाए और रोगी जल्द स्वस्थ हो सके.
मधेपुरा जिले भर में छोटे-बड़े डेंटिस्ट की भरमार है, पर योग्य की संख्यां गिनी-चुनी है. कुछ डॉक्टर के पास जाने के बाद भी लोगों की शिकायतें या तो पूर्ववत रहती है या फिर कई मामलों में बढ़ ही जाती है. कारण कई हो सकते हैं पर गंदगी और संक्रमण एक बड़ी वजह है.
मधेपुरा जिला मुख्यालय के बाय पास रोड में कर्पूरी चौक के पास स्थित निशांत डेंटल हॉस्पिटल में ऑपरेशन आदि के लिए प्रयोग किये जा रहे इंस्ट्रूमेंट्स ‘अल्ट्रावायलेट चेंबर’ में स्टरलाइज करने के अलावे ‘डिजिटल ऑटोक्लेव’ इंस्ट्रूमेंट को 100% कीटाणु और संक्रमणरहित बनाने में सक्षम हैं. क्लिनिक के अनुभवी डॉक्टर नीरव निशांत बताते हैं कि इलाके में एडवांस डेंटल केयर की कमी को देखते हुए ही उन्होंने मधेपुरा में सारी व्यवस्था से युक्त अस्पताल खोलने का निर्णय लिया. मणिपाल से बीडीएस, पीजीएस इन ओरल इम्प्लांटोलॉजी, एफएजीई, एमआईडीए जैसी डिग्री लिए डॉ० निशांत कहते हैं कि वे नीडल से लेकर ग्लव्स तक सिंगल यूज का रखते हैं ताकि न सिर्फ मरीज बल्कि डॉक्टर को भी संक्रमण का कोई खतरा नहीं रहे. यहाँ तक कि उन्होंने गर्भवती महिलाओं के पहनने के लिए ‘लेड एप्रोन’ भी रखा है ताकि दांतों के ऑपरेशन आदि के समय गर्भस्थ शिशु पर मशीन चलने का कोई बुरा प्रभाव न पड़े. कारण बताते वे कहते हैं कि दांतों के प्रत्यारोपण, पायरिया के इलाज, पार्शियल डेन्चर, जबड़े और मसूड़े से सम्बंधित सर्जरी करने के दौरान यदि सबकुछ संक्रमणमुक्त रहता है तो अच्छे तरीके से किये गए काम का परिणाम शत-प्रतिशत मिलता है.
यही नहीं संक्रमण की वजह से अक्सर बीमारी का ठीक होना तो दूर बल्कि कई अन्य सम्बंधित बीमारियाँ भी हो सकती है और मरीज की तकलीफ में इजाफा हो सकता है. और यही वजह है कि आज हर अच्छे अस्पताल की प्राथमिकता सफाई है ताकि किसी भी तरह के संक्रमण की कोई आशंका बाकी न रह जाए और रोगी जल्द स्वस्थ हो सके.
(नि.सं.)
दांतों का सिर्फ बेहतर ही नहीं, संक्रमणमुक्त इलाज भी है अत्यंत आवश्यक: डॉ० निशांत
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
October 04, 2015
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