ऑफिसर बिटिया: मधेपुरा की बेटी प्रिया सर्राफ ने इंडियन इकॉनोमिक सर्विस परीक्षा में देश में 9वां स्थान लाकर लहराया सफलता का परचम
कोसी की एक और बेटी ने पढ़-लिखकर सफलता की जिन बुलंदियों को छूआ है, उसके बारे में शुरू में इस बेटी ने भी कल्पना नहीं की थी.
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित अत्यंत कठिन माने जाने वाले इंडियन इकॉनोमिक सर्विस 2015 की परीक्षा में मधेपुरा के स्टेट बैंक रोड के व्यवसायी राजेश सर्राफ की बेटी प्रिया सर्राफ (रौल नं. 011902) ने अंतिम रूप से चयनित कुल 14 अभ्यर्थियों में 9 वां स्थान हासिल किया है. इसी साल लिखित परीक्षा के बाद अगस्त में ही साक्षात्कार के बाद जब सफलता प्रिया की झोली में आई तो परिवार समेत जानने वाले लोगों में ‘ऑफिसर बिटिया’ को लेकर जश्न का माहौल है.
बचपन से ही अद्भुत प्रतिभा की धनी रही प्रिया: प्रिया सर्राफ ने भले ही उच्च शिक्षा हरियाणा और दिल्ली में पाई हो पर कई विपरीत हालातों के बीच प्रिया ने मैट्रिक तक की पढ़ाई मधेपुरा से ही की है. एलकेजी से सातवीं तक की पढ़ाई जिला मुख्यालय के लक्ष्मीपुर मुहल्ला स्थित रोज बड पब्लिक स्कूल से और फिर स्थानीय केशव कन्या हाई स्कूल से वर्ष 2007 में दशवीं पास करने के बाद प्रिया ने बारहवीं विद्या देवी स्कूल, हिसार हरियाणा से कॉमर्स विषय से वर्ष 2009 में टॉप रैंक लाते हुए उत्तीर्ण की. उसके बाद प्रिया ने बेहतर पढ़ाई के उद्येश्य से दिल्ली का रूख किया. दिल्ली विश्वविद्यालय के कमला नेहरू कॉलेज से वर्ष 2012 में अर्थशास्त्र से ग्रैजुएशन करने के बाद प्रिया सर्राफ ने पोस्ट ग्रैजुएशन जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से की और अभी जहाँ एक तरफ प्रिया एम. फिल कर रही हैं वहीँ जिस कमला नेहरू कॉलेज से प्रिया ने पढाई की थी वहीँ बतौर लेक्चरर भी पदस्थापित हैं.
सफलता पर क्या कहती है प्रिया?: अपनी सफलता का श्रेय प्रिया मम्मी, पापा, दादा, दादी, ताऊ जी समेत परिजनों और मधेपुरा से लेकर दिल्ली तक के शिक्षकों को देती है जिन्होंने उसपर भरोसा कर सफलता की मुश्किल राहों को आसान बना दिया. कहती है कि इस परीक्षा में दिल्ली के अभी सर का भी बड़ा योगदान रहा है.
इंडियन इकॉनोमिक सर्विस 2015 की परीक्षा में सफलता के बाद भी प्रिया के कदम अभी रूकने वाले नहीं
हैं. प्रिया पहली बार इस साल सिविल सेवा की परीक्षा में बैठी हैं. कहती हैं आईएएस बनकर देश और अपने इलाके की सेवा करना चाहती हूँ. मधेपुरा टाइम्स के संस्थापक राकेश सिंह से बातचीत में मधेपुरा टाइम्स के माध्यम से प्रिया सर्राफ कोसी के इलाके की बेटियों में भी आत्मविश्वास भरते हुए अभिभावकों से कहती है कि बेटियों पर भरोसा रखें और उन्हें सफलता के लिए प्रेरित करें तो कोसी की बेटियों की छिपी प्रतिभा भी देश स्तर निखर कर इलाके का नाम कर सकती है. परीक्षाओं में नक़ल प्रवृत्ति का विरोध करते कहती है कि जिन्दगी में सफल होने के लिए सिर्फ डिग्री काफी नहीं बल्कि कठिन मेहनत कर खुद में प्रतिभा विकसित करनी होगी.
आज देश की कई लड़कियों के लिए प्रेरणास्रोत बन चुकी प्रिया कहती है कि कवि सोहन लाल द्विवेदी की इन पंक्तियों को यदि अपने इलाके की बेटियां मेहनत का आधार बना लें तो सफलता का उनकी झोली में आना तय है:
“नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,
चढ़ती दीवारों पर सौ बार फिसलती है,
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,
चढ़कर गिरना गिरकर चढ़ना न अखरता है,
मेहनत उसकी बेकार हर बार नहीं होती,
कोशिश करनेवालों की कभी हार नहीं होती.”
(वि.सं.)
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित अत्यंत कठिन माने जाने वाले इंडियन इकॉनोमिक सर्विस 2015 की परीक्षा में मधेपुरा के स्टेट बैंक रोड के व्यवसायी राजेश सर्राफ की बेटी प्रिया सर्राफ (रौल नं. 011902) ने अंतिम रूप से चयनित कुल 14 अभ्यर्थियों में 9 वां स्थान हासिल किया है. इसी साल लिखित परीक्षा के बाद अगस्त में ही साक्षात्कार के बाद जब सफलता प्रिया की झोली में आई तो परिवार समेत जानने वाले लोगों में ‘ऑफिसर बिटिया’ को लेकर जश्न का माहौल है.
बचपन से ही अद्भुत प्रतिभा की धनी रही प्रिया: प्रिया सर्राफ ने भले ही उच्च शिक्षा हरियाणा और दिल्ली में पाई हो पर कई विपरीत हालातों के बीच प्रिया ने मैट्रिक तक की पढ़ाई मधेपुरा से ही की है. एलकेजी से सातवीं तक की पढ़ाई जिला मुख्यालय के लक्ष्मीपुर मुहल्ला स्थित रोज बड पब्लिक स्कूल से और फिर स्थानीय केशव कन्या हाई स्कूल से वर्ष 2007 में दशवीं पास करने के बाद प्रिया ने बारहवीं विद्या देवी स्कूल, हिसार हरियाणा से कॉमर्स विषय से वर्ष 2009 में टॉप रैंक लाते हुए उत्तीर्ण की. उसके बाद प्रिया ने बेहतर पढ़ाई के उद्येश्य से दिल्ली का रूख किया. दिल्ली विश्वविद्यालय के कमला नेहरू कॉलेज से वर्ष 2012 में अर्थशास्त्र से ग्रैजुएशन करने के बाद प्रिया सर्राफ ने पोस्ट ग्रैजुएशन जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से की और अभी जहाँ एक तरफ प्रिया एम. फिल कर रही हैं वहीँ जिस कमला नेहरू कॉलेज से प्रिया ने पढाई की थी वहीँ बतौर लेक्चरर भी पदस्थापित हैं.
सफलता पर क्या कहती है प्रिया?: अपनी सफलता का श्रेय प्रिया मम्मी, पापा, दादा, दादी, ताऊ जी समेत परिजनों और मधेपुरा से लेकर दिल्ली तक के शिक्षकों को देती है जिन्होंने उसपर भरोसा कर सफलता की मुश्किल राहों को आसान बना दिया. कहती है कि इस परीक्षा में दिल्ली के अभी सर का भी बड़ा योगदान रहा है.
इंडियन इकॉनोमिक सर्विस 2015 की परीक्षा में सफलता के बाद भी प्रिया के कदम अभी रूकने वाले नहीं

आज देश की कई लड़कियों के लिए प्रेरणास्रोत बन चुकी प्रिया कहती है कि कवि सोहन लाल द्विवेदी की इन पंक्तियों को यदि अपने इलाके की बेटियां मेहनत का आधार बना लें तो सफलता का उनकी झोली में आना तय है:
“नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,
चढ़ती दीवारों पर सौ बार फिसलती है,
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,
चढ़कर गिरना गिरकर चढ़ना न अखरता है,
मेहनत उसकी बेकार हर बार नहीं होती,
कोशिश करनेवालों की कभी हार नहीं होती.”
(वि.सं.)
ऑफिसर बिटिया: मधेपुरा की बेटी प्रिया सर्राफ ने इंडियन इकॉनोमिक सर्विस परीक्षा में देश में 9वां स्थान लाकर लहराया सफलता का परचम
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 29, 2015
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