

1952-53 में सांसद बने स्वर्गीय किराय मुसहर के घर को दशकों से आज तक सरकारी शौचालय भी नसीब नहीं हो सका है. परिवार आज भी खुले आसमान के नीचे शौच करने को मजबूर हैं. यहाँ तक कि इनके घर तक भी आने-जाने का नहीं है कोई रास्ता.
गरीबों के मसीहा माने जाने वाले किराय मुसहर की चर्चा पूरे इलाके में उनकी ईमानदारी और सादगी को लेकर आज भी होती है. सभी जाति के लोगों को हमेशा साथ लेकर चलने वाले महादलित समुदाय के सांसद किराय मुसहर का घर आज भी झोपडीनुमा है और पहले भी झोपडी ही थी. एक अहम बात तो ये है कि आज तक इनके घर जाने का रास्ता तक नहीं है और ना ही घर में सरकारी शौचालय है. जबकि बी.पी.मंडल साहब के

दूसरी तरफ स्वर्गीय किराय मुसहर के पुत्र और पुत्रवधू की व्यथा सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगें. पुत्र छठू ऋषिदेव और पुत्रवधू राजलक्ष्मी देवी की आँखों में बदहाली के आंसू दीखते है. घर में भले दो-वक्त की रोटी का

जब भी हम स्थानीय नेताओं और कथित बुद्धिजीवियों से पूर्व सांसद किराय मुसहर के परिजनों की बदहाली पर सवाल खड़ा करते हैं तो सिर्फ और सिर्फ उनकी ओर से खानापूरी करते इनकी बदहाली दूर करने का भरोसा मिलता है. एक तरफ जहाँ सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महादलितों के उत्थान की बात करते हैं वहीँ महादलित समुदाय के सांसद रह चुके किराय मुसहर के परिजन आज भी उपेक्षित हैं.
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मधेपुरा के पूर्व सांसद के परिजन हैं दाने-दाने को मुंहताज
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 08, 2015
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शायद इसलिए हमारे आज के राजनेताओं ने अपने और अपने आने वाले वंशजो के लिए पूरी व्यवस्था कर रखी है।
ReplyDeleteऔर धन्य हैं हमारे वैसे राजनेता जो सबकुछ जानते हुए भी उन राजनेताओ के परिवार को कोई मदद नही करते। शायद वो ये बताना चाहते हैं की उनकी ईमानदारी का यही फल है।।