मधेपुरा के वरीय उप-समाहर्ता हुए सायबर क्राइम के शिकार: 57000 रू० खाता से गायब

एक अधिकारी से राज्य और जनता को यह उम्मीद होती है कि वह जनता को विभिन्न मामलों में जागरूक करेगा. पर क्या हो, जब अधिकारी ही जागरूक न हो. जाहिर है मधेपुरा जैसे जगह पर ऐसी स्थिति में यदि रोज कोई न कोई सायबर क्राइम का शिकार होता है तो इसमें बहुत अधिक आश्चर्य की बात नहीं है.
      मधेपुरा में वरीय उपसमाहर्ता के पद पर आसीन कृष्ण मोहन प्रसाद के बैंक खाते से कुल 57,784=50 (मो० सतावन हजार सात सौ चौरासी रूपये पचास पैसे) सायबर अपराधियों ने गायब कर दिए. अधिकारी ने मोबाइल पर अपने खाते की गुप्त जानकारी सायबर अपराधियों को फर्जी बैंक अधिकारी के झांसे में आकर दे दी. बताया गया कि ठगी के शिकार वरीय उपसमाहर्ता कृष्ण मोहन प्रसाद आंगनबाड़ी (आईसीडीएस) के डीपीओ भी हैं.
      मधेपुरा पुलिस को दिए गए आवेदन में वरीय उपसमाहर्ता कृष्ण मोहन प्रसाद ने कहा है कि वे लखीसराय जिला के सूर्यगढ़ा के मौलानगर के निवासी हैं और उनके मोबाइल (संख्यां 9631044215) पर बीती शाम 9507571614 से कॉल आया कि एटीएम वेरिफिकेशन केन्द्र मुंबई से बोल रहा हूँ और आपके एसबीआई के एटीएम की वैधता आज समाप्त हो रही है.
फिर एटीएम को नवीकृत करने के नाम पर सायबर ठगों ने एडीएम साहब से कार्ड की गुप्त जानकारी ले ली और खाते से इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से रूपये उड़ा लिए. वरीय उपसमाहर्ता कृष्ण मोहन प्रसाद ने खुद स्वीकार किया है कि उन्हें इंटरनेट बैंकिंग की जानकारी नहीं है. उन्होंने कॉलर पर एफआईआर दर्ज कर कार्यवाही करने का अनुरोध किया है.
बता दें कि इससे पहले गत सप्ताह में न्यायालय के एक चतुर्थवर्गीय कर्मचारी दीप नारायण राय के खाते से भी इसी तरह कॉलर ने बैंक अधिकारी बन करीब 40 हजार रूपये उड़ा लिए. अभी दो दिन पूर्व न्यायालय के स्टेनोग्राफर रणजीत कुमार सिंह को भी एक कॉलर ने 12 लाख की एक कार लकी ड्रा के माध्यम से देकर सूचना लेने का प्रयास किया था, पर घटना की जानकारी सूचना देने से पहले ही मधेपुरा टाइम्स को दी गई और मधेपुरा टाइम्स ने जांच कर इसे ठगी करार दिया और स्टेनोग्राफर ठगी के शिकार होने से बचे.
ताजा वरीय उपसमाहर्ता कृष्ण मोहन प्रसाद के मामले में हैरत की बात यह भी है कि हाल में ही समाहरणालय में ही जिलाधिकारी के स्टेनोग्राफर निर्मल कुमार तिवारी भी इसी तरह के सायबर ठगी के शिकार हुए थे, जिसकी चर्चा भी खूब हुई थी. अब जब जिले के अधिकारी भी खुद जागरूक नहीं हैं तो आम लोगों का भविष्य क्या होगा, इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है. (नि० सं०)
मधेपुरा के वरीय उप-समाहर्ता हुए सायबर क्राइम के शिकार: 57000 रू० खाता से गायब मधेपुरा के वरीय उप-समाहर्ता हुए सायबर क्राइम के शिकार: 57000 रू० खाता से गायब Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on June 22, 2015 Rating: 5

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