

मिली जानकारी के अनुसार इंडियन प्रोगेसिव कंस्ट्रक्शन
देवघर की कंपनी द्वारा इस परियोजना पर सड़क एवं पुल का निर्माण करवाया जा रहा है. 2008 की कुसहा त्रासदी के बाद से पुलों के ढह जाने और सड़क की बुरी स्थिति होने के कारण
पुर्ननिर्माण का कार्य नये सिरे से विश्व बैंक के सहयोग से करवाया जा रहा है. इस कार्य
की कुल प्राक्कलित राशि तकरीबन दस करोड़ का बाते जा रहा है, पर निर्माण स्थल पर परियोजना
से संबंधित विवरणी का कोई बोर्ड नहीं पाए जाने से भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है.
इस विषय में कंपनी के प्रोजेक्ट इंचार्ज विनय कुमार से पूछने पर बताया गया कि डीपीआर के अनुसार ही निर्माण कार्य करवाया जा रहा है. प्रोजेक्ट इंजीनियर गोयल जी ने बतलाया
कि निर्माण में किसी प्रकार की अनियमितता नहीं बरती जा रही है.
पर ग्रामीणों द्वारा किये जा रहे इस विरोध प्रदर्शन में शामिल युवा सामाजिक कार्यकर्ता
प्रवेश यादव ने निर्माण स्थल पर के ईंट को दिखाते हुए कहा कि यह दो नंबर का ईंट है
और बाक़ी मैटेरियल में भी कमी के साथ सड़क की निर्धारित चौड़ाई में भी कमी कि जा रही है.
श्री यादव ने मधेपुरा टाइम्स को बताया कि निर्माण कंपनी तो घटिया निर्माण कर यहाँ से
चली जायेगी, पर इस घटिया निर्माण का खामियाजा यहाँ के आम लोग दशकों भुगतेंगे. पूर्व
समिति सदस्य और ग्रामीण शकुंतला देवी का कहना था कि समूचे निर्माण कार्य की जांच क्वालिटी
कंट्रोल एवं जिला प्रशासन द्वारा गठित टीम के द्वारा करवायी जाये. मौके पर मौजूद महादेव
पासवान, मनोज राम, ललन कुमार, अवधेष ऋषिदेव, हरेराम मुखिया, ललन किस्कू, संतोष यादव, गायत्री देवी आदि समेत कई दर्जन लोगों ने जिलाधिकारी से इस मामले को देखने की गुहार
लगाई है. (नि० सं०)
पुल निर्माण में घटिया सामग्री के उपयोग पर भड़के ग्रामीण: डीएम से हस्तक्षेप की मांग
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
May 23, 2015
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