मधेपुरा जिले के सिंहेश्वर के रूपौली में साढे
पांच एकड जमीन पर साढे पांच करोड
की लागत से बनने वाले आई टी आई कालेज के निर्माण में अंचल कार्यालय की लापरवाही तथा जिला प्रशासन की अनदेखी
के कारण आई टी आई कॉलेज के निर्माण में पेंच कोर्ट में फंस ही गया है.
विवादित भूमि पर पूर्व में भी निर्माण कार्य को लेकर एजेंसी मालिक
और जमीन मालिकों के बीच
संघर्ष हो चुका है.
अपने पक्ष में जमीन मालिकों ने खतियान, रसीद तथा
विक्रय विलेख कोर्ट में जमा किया, लेकिन प्रशासन की ओर से सिर्फ इसे जनहित का कार्य
बताया तथा उसके कागजात को
महत्त्व नहीं दिया
गया. इस बार भी प्रशासन द्वारा जमीन मालिकों के दावे को नजरअंदाज कर दिया जिसके
कारण जमीन
मालिक को कोर्ट के शरण में जाना पडा. कोर्ट ने प्रशासन की लापरवाही को मानते
हुए जमीन मालिकों के हक में फैसला सुनाते हुए विवादित स्थल पर टी आई कालेज के निर्माण पर रोक लगा दी.
विक्रय विलेख कोर्ट में जमा किया, लेकिन प्रशासन की ओर से सिर्फ इसे जनहित का कार्य
बताया तथा उसके कागजात को
महत्त्व नहीं दिया
गया. इस बार भी प्रशासन द्वारा जमीन मालिकों के दावे को नजरअंदाज कर दिया जिसके
कारण जमीन
मालिक को कोर्ट के शरण में जाना पडा. कोर्ट ने प्रशासन की लापरवाही को मानते
हुए जमीन मालिकों के हक में फैसला सुनाते हुए विवादित स्थल पर टी आई कालेज के निर्माण पर रोक लगा दी.
बिहार सरकार के अधिवक्ता चन्द्र किशोर यादव ने कहा सिर्फ विवादित जमीन पर निर्माण कार्य में रोक लगाया गया है. अब आगे देखना है कि सम्बंधित मुक़दमे में प्रशासन अब आगे न्यायालय के अपना पक्ष किस तरह रखती है.
प्रशासन की लापरवाही बनी आईटीआई कॉलेज निर्माण पर रोक की वजह !
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
May 08, 2015
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