बुजुर्गों की
उपेक्षा एक बड़ा मुद्दा है. जिस माँ-बाप ने अपने खून-पसीने से सीच बच्चों को किसी
मुकाम तक पहुँचाया, वो खुद उन्हीं बच्चों की उपेक्षा का शिकार हो रहे हैं.
मधेपुरा जिला के चौसा प्रखंड के अरजपुर पश्चिमी पंचायत के चन्दसूरी टोला अतिरिक्त पशु चिकित्सा
केन्द्र में लगभग 62 वर्षीय एक वृद्ध की लाश देखकर लोगों ने तो अफ़सोस जाहिर किया, पर क्या उनकी
आत्मा इस लावारिस वृद्ध की मौत पर एक बार भी कलपी होगी, जिन्होंने इसे इस हालात तक
पहुँचाया.
ग्रामीण बताते हैं कि यह वृद्ध पिछले 20 दिन से यहीं कहीं पास में भटक रहा था. कुछ लोगों का कहना था कि इसे कोई यहाँ
छोड़कर चला गया था और यह लोगों के दिए टुकड़ों पर ही अपने जीवन की गाड़ी को खींच रहा
था. पर आखिर में इशारे में बात करने वाले इस शख्स को मौत ने इसे अपनी बाहों में
समां लिया. किसी को पता नहीं चल सका कि ये व्यक्ति था कौन?
बाद में ग्रामीण सुबोध कुमार मंडल, सूखो राय, मुकेश मंडल, दिनेश मंडल आदि के सहयोग से चौसा थाना को सूचना देते हुए लावारिस लाश का दाह
संस्कार कर दिया गया.
मानवता शर्मशार: वारिसों ने बनाया लावारिस, मौत
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 07, 2015
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