बाप-बेटी ने डीएम के सामने एक-दूसरे को पहचानने से किया इंकार, पर गहन जांच में टूटे: मामला फर्जी कागजात पर आंगनबाड़ी में नौकरी लेने के प्रयास का

सरकारी यहाँ तक कि संविदा की नौकरी पाने के लिए भी लोग क्या-क्या तिकडम आजमाते हैं, ताजा घटना इसका एक बड़ा उदाहरण है. इस अजीबोगरीब मामले में बाप और बेटी ने एक दूसरे को पहचानने तक से इंकार कर दिया. पर मधेपुरा के डीएम के सामने झूठ बोल जाने की आत्मग्लानि ने पिता को इतना बेचैन कर दिया कि उसने कनफेशन करना ही उचित समझा. वैसे जनता दरबार में आये इस मामले में जिलाधिकारी ने गहन जांच की और वे विश्वस्त थे कि न पहचानने वाले ये दोनों वास्तव में पिता और पुत्री है.
      मामले में एक कॉलेज कर्मी पिता हैं जिसकी बेटी ने फर्जी कागजात के आधार पर आंगनबाड़ी सेविका की नौकरी पाने का प्रयास किया और अभ्यर्थी के पति ने भी उसे इस गलत काम में सहयोग किया. मधेपुरा जिले के कुमारखंड प्रखंड के बैशाढ पंचायत के वार्ड नं. 1 के आंगनबाड़ी केन्द्र के लिए आम सभा से कल्पना कुमारी का चयन सेविका पद पर हुआ था. मेधा सूची में कल्पना कुमारी प्रथम स्थान पर थी.
      मामले में अन्य अभ्यर्थी के द्वारा आपत्ति डाली गई थी कि कल्पना के पिता विश्वनाथ साह सरकारी नौकरी में हैं. कुमारखंड की सीडीपीओ ने जांच कर नियुक्ति पत्र देने की बात कही और सरपंच ने कल्पना की वंशावली सौंपी जिसके मुताबिक कल्पना और मधेपुरा जिला मुख्यालय स्थित बी.एन.एम.वी (कॉमर्स कॉलेज) साहुगढ़ में लेखा लिपिक के पद पर आसीन विश्वनाथ साह की वंशावली के अत्यधिक समानता थी.
      कल जब इस मामले में जिलाधिकारी गोपाल मीणा ने विश्वनाथ साह, कल्पना कुमारी और कल्पना के पति उदय कुमार को बुलवाया तो कल्पना और विश्वनाथ साह ने एक दूसरे को पहचानने से साफ़ इंकार कर दिया. सरकारी नौकरी करने के बावजूद विश्वनाथ साह ने अपने बच्चों की संख्यां कल्पना को छोड़ते हुए बताई. पर कल्पना के द्वारा नियोजन के लिए दाखिल कागजात, वंशावली अदि से जिलाधिकारी जांच के दौरान बार-बार कहते रहे कि इतनी समानता संभव नहीं है, आपलोग स्वीकार कर लीजिए कि आपलोग मिलकर फर्जी कागजात पर कल्पना को नौकरी दिलाने की कोशिश में हैं. मामले को जिलाधिकारी ने अग्रिम जांच के लिए रखा.
      पर बीती रात विश्वनाथ साह के लिए भारी रही. शायद पकड़ाने का डर और जिलाधिकारी के सामने सफ़ेद झूठ बोलकर वैशाली जिले के बिदुपुर के रहने वाले कॉलेज कर्मी विश्वनाथ साह आत्मग्लानि के शिकार हो रहे थे. उन्होंने अपने कॉलेज के प्राचार्य हीराकांत मंडल को सारी बात बताते हुए कहा कि उन्हें जनता दरबार में झूठ बोलकर काफी आत्मग्लानि हो रही है. और फिर प्राचार्य के माध्यम से उन्होंने जिलाधिकारी को लिख भेजा कि कल्पना उनकी ही बेटी है.
      मामला झूठ बोलने, फर्जी कागजात के आधार पर नौकरी पाने का प्रयास करने, गलत शपथ पत्र भरने का था. लिहाजा कल्पना कुमारी, पति उदय कुमार और पिता विश्वनाथ साह पर एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया गया है और साथ साथ कॉमर्स कॉलेज के कार्यालय प्रधान से विश्वनाथ साह के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही भी प्रारम्भ करने का अनुरोध किया गया है. (नि० सं०)
(खबर से सम्बंधित वीडियो जिसमें जिलाधिकारी द्वारा गहन पूछताछ की गई है, देखने के लिए यहाँ क्लिक करें)
बाप-बेटी ने डीएम के सामने एक-दूसरे को पहचानने से किया इंकार, पर गहन जांच में टूटे: मामला फर्जी कागजात पर आंगनबाड़ी में नौकरी लेने के प्रयास का बाप-बेटी ने डीएम के सामने एक-दूसरे को पहचानने से किया इंकार, पर गहन जांच में टूटे: मामला फर्जी कागजात पर आंगनबाड़ी में नौकरी लेने के प्रयास का Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on April 10, 2015 Rating: 5

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