बेमिसाल कार्यक्षमता के धनी न्यायालयकर्मी लक्ष्मण सिंह की सेवानिवृति: नम हुई आँखें

मधेपुरा व्यवहार न्यायालय के सबसे योग्य और कर्मठ माने जाने वाले सहायक लक्ष्मण प्रसाद सिंह कल सेवानिवृत हो गए. सेवानिवृति पर न्यायिक अधिकारियों और कर्मचारियों ने उनकी प्रशंसा करते हुए उनकी अद्भुत कार्यक्षमता की जमकर तारीफ़ की. मौके पर श्री सिंह ने कहा कि उनके करीब 31 साल के सेवा काल के दौरान उन्हें न्यायालय के अधिकारियों और कर्मचारियों का जो स्नेह और सहयोग मिला है उससे वे गदगद हैं.

गर्व करने लायक रही लक्ष्मण सिंह की कार्यशैली: व्यवहार न्यायालय के अधिकाँश अधिकारी और इस बात से सहमत होंगे कि सेवानिवृति से पूर्व जिला एवं सत्र न्यायाधीश के उपस्थापक रहे लक्ष्मण सिंह ने जिस तरह कर्म ही पूजा है का सिद्धांत अपनाकर अपनी ड्यूटी निभाई वो शायद बहुत कम के लिए ही संभव हो. 06 जुलाई 1984 को न्यायालय की सेवा में आने वाले समयनिष्ठा और कर्त्तव्यपरायणता के अद्भुत मिसाल बने लक्ष्मण प्रसाद सिंह की लेखन क्षमता और याददाश्त चकित कर देने वाला था और यही वजह रही कि अपने पूरे कार्यकाल में उन्होंने अधिकाँश समय जिला न्यायाधीश के ही बेंच और ऑफिस की शोभा बढ़ाई.
      और शायद यही वजह रही कि जिस समय वे न्यायालय परिसर से निकल रहे थे उस समय कर्मचारियों की बड़ी भीड़ मौजूद थी और स्वाभाविक रूप से सेवा की मिसाल कायम करने वाले इस कर्मचारी की सेवानिवृति पर कई आँखों से आंसू छलक पड़े.
(नि० सं०)
बेमिसाल कार्यक्षमता के धनी न्यायालयकर्मी लक्ष्मण सिंह की सेवानिवृति: नम हुई आँखें बेमिसाल कार्यक्षमता के धनी न्यायालयकर्मी लक्ष्मण सिंह की सेवानिवृति: नम हुई आँखें Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on February 01, 2015 Rating: 5

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