जनप्रतिनिधि का नाम लेकर अधिकारियों को डराना-धमकाना पड़ा महंगा: गई नौकरी

मधेपुरा जिले के मुरहो पीएचसी में लेखापाल के रूप में पदस्थापित अनिल कुमार अनल को नौकरी से हाथ धोना पड़ गया. अनिल अनल पर ताजा आरोप बिजली विभाग के कनीय अभियंता और कार्यपालक अभियंता को डराने-धमकाने का आरोप था जो जिलाधिकारी के द्वारा कराये गए जांच में साबित पाए गए.
           ताज़ी घटना गत 19 नवंबर से जुड़ा हुआ है जिसमें कनीय विद्युत अभियंता (ग्रामीण) द्वारा बिजली के चोरी की रोकथाम के लिए छापामारी के क्रम में चार व्यक्तियों को विद्युत चोरी करते पकड़ा गया था. कनीय अभियंता जब उन चारों पर एफआईआर दर्ज कराने भर्राही थाना जा रहे थे तो श्रीपुर चकला निवासी अनिल कुमार अनल द्वारा एक व्यक्ति बिन्देश्वरी साह को छोड़ने तथा उसपर एफआईआर नहीं दर्ज करने के लिए कनीय अभियंता पर दवाब बनाते हुए डराया धमकाया जाने लगा. इससे पूर्व अनिल अनल पर कार्यपालक अभियंता, विद्युत आपूर्ति प्रमंडल, मधेपुरा के द्वारा भी उन्हें डराने-धमकाने और गलत काम कराने के लिए दवाब बनाने का आरोप लगाया गया था.
                   जिलाधिकारी सह अध्यक्ष जिला स्वास्थ्य समिति मधेपुरा गोपाल मीणा ने अनिल कुमार अनल की कॉन्ट्रेक्ट की सर्विस को रद्द करते हुए लिखा है कि इनके खिलाफ लगे आरोपों से परिलक्षित होता है कि इनका सम्बन्ध राजनैतिक क्षेत्र में भी है एवं जिले के जनप्रतिनिधि का झूठा भय/ दवाब देकर अन्य सरकारी पदाधिकारी को धमकाना इनकी नियत सी बन गई है, जो एक सरकारी कर्मी के आचरण के बिल्कुल ही विपरीत है. यह कृत्य श्री अनल के अनैतिक आचरण, कानून के प्रति असम्मान, न्याय प्रणाली में अविश्वास, मनमानेपन, कार्य के प्रति उदासीनता एवं उच्चाधिकारियों के आदेश की अवहेलना का द्योतक है. इस तरह के आचरण वाले कर्मी से यह आशा किया जाना कि समिति के हितार्थ कार्य करेंगे, कतई संभव नहीं है. ऐसे कर्मियों को सरकारी प्रतिष्ठान में कार्यरत रखा जाना उचित प्रतीत नहीं होता है. 
(नि० सं०)
जनप्रतिनिधि का नाम लेकर अधिकारियों को डराना-धमकाना पड़ा महंगा: गई नौकरी जनप्रतिनिधि का नाम लेकर अधिकारियों को डराना-धमकाना पड़ा महंगा: गई नौकरी Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on December 17, 2014 Rating: 5

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