सावन का महीना बाबा भोले के भक्तों के लिए कुछ अलग
ही महत्त्व रखता है. कहा जाता है कि सावन के महीने को शिव की आराधना के लिए सर्वोत्तम माना गया है. क्योंकि ये महीना देवाधिदेव महादेव
को बहुत ही
अधिक प्रिय है. सावन का महीना
एक ऐसा महीना है, जिसमें छह ऋतुओं का समावेश होता है और शिवधाम पर इसका
महत्व सबसे ज्यादा होता है. यह भी कहा गया है
कि शिव को प्रसन्न करने का सर्वोत्तम उपाय रुद्राभिषेक और श्रृंगार पूजन ही माना गया है. साक्षात देवी और
देवता भी शिव कृपा के लिए शिव-शक्ति के ज्योति स्वरूप का रुद्राभिषेक और श्रृंगार पूजन ही करते हैं.
भारत
प्रसिद्ध सिंहेश्वर मंदिर में खासकर सावन में सोमवार को रुद्राभिषेक
और श्रृंगारपूजन के लिए सिंहेश्वर न्यास परिषद् में
करीब एक वर्ष पूर्व ही आवेदन दिया जाता है और लॉटरी के आधार पर की सौभाग्यशाली
भक्तों को श्रृंगार पूजन का सुअवसर प्राप्त होता है. माना जाता है कि करीब चार से
पांच घंटे चलने वाले इस पूजन से भक्त की हर मनोकामना पूर्ण होती है और ऐसे भक्तों
की अकाल मृत्यु भी नहीं होती है.

बीती
सोमवार की रात जब मधेपुरा टाइम्स की टीम बाबा भोले की नगरी सिंहेश्वर मंदिर में रुद्राभिषेक और श्रृंगार पूजन का जायजा लेने
पहुंची तो सहरसा के प्रसिद्ध सर्जन डा० अजय कुमार
सिंह रुद्राभिषेक और श्रृंगार पूजन कर रहे थे. इस दौरान मंदिर को
विशेष खूबसूरती के साथ सजाया गया था मंदिर प्रांगण में मैया जागरण और सत्संग
प्रवचन का खास आयोजन भी किया गया था जहाँ श्रद्धालु मंत्रमुग्ध होकर भक्ति के
माहौल में लीन थे. मंदिर के गर्भगृह और बाहर भी शिवभक्तों का जमावड़ा रुद्राभिषेक और श्रृंगार पूजन को देखने के
लिए लगा हुआ था. कई भक्तों का कहना था कि इस विशेष पूजन को देखने और मंत्रोच्चारण
सुनने से भी भक्तों के काल-कष्ट दूर हो जाते हैं.

सावन में शिव के विशेष रुद्राभिषेक व श्रृंगार पूजन का है खास महत्त्व
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 29, 2014
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