सरकारी राशि की यदि बंदरबांट हो जाए तो कराये गए काम
पर तो असर पड़ेगा ही. सूबे में बहुत से जगहों पर कुछ ऐसा ही दिख रहा है. खास कर
निर्माण कार्यों के मामले में घोटाले साफ़-साफ़ दिख जाते हैं.
मुरलीगंज
का अतिमहत्वपूर्ण बी.एल. हाई स्कूल परिसर में बना स्कूल का एक भवन भी कुछ ऐसी ही
दास्ताँ कह रहा हाई. 42 लाख रूपये की लागत से बना भवन अभी हाल में ही बनकर तैयार
हुआ है और इसे ठेकेदार के द्वारा स्कूल प्रशासन को सौंपा भी नहीं गया है. और अब इस
भवन की स्थिति देखकर शायद स्कूल प्रशासन को इस बात का भय सता रहा ह्नोगा कि इस भवन
में न ही जाएँ तो बेहतर है.
कारण
तस्वीरें बता रही हैं. स्कूल भवन कहीं-कहीं से ढहने भी लगा है. आसपास के कई लोग
कहते हैं कि कौन सा काम इलाके में सही ढंग से हो रहा है कि ये सही ढंग से बनाया
जाता.
सवाल
बड़ा है, ये स्कूल का भवन है और इसमें बड़ी संख्यां में बच्चे बैठेंगे. स्कूल भवन
यदि कमजोर हो तो किसी तरह की दुर्घटना कभी भी घट सकती है. पर सभी जानते हैं कि
चलता रहेगा निर्माण कार्य में लूट का खेल, चाहे परिणाम कुछ भी हो..
लूट की दास्ताँ?: नया बना भवन स्कूल को सौंपा भी नहीं और दरकने लगी दीवारें
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
January 09, 2014
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