|राजीव/शंकर|12 जनवरी 2014|
मधेपुरा-सहरसा के बीच देश का अजूबा रेलवे स्टेशन है मिठाई,
जहां सिग्नल से नहीं यात्री के हाथों के इशारे पर रूकती रेल गाडियां. असल में यहां
आजादी के बाद से लेकर आज तक रेल मंत्रालय द्धारा सिग्नल लगाया ही नहीं गया. 1938 ई0 में यहां सिंगनल और डबल
रेल लाईन के अलावे सभी तरह की सुविधा थी, लेकिन जैसे-जैसे रेल लाईन का विस्तार होता
गया यहां से वैसे-वैसे सबकुछ समाप्त हो गया है.
इलाके के बुजुर्ग लोगों का कहना है
कि आजादी के पूर्व से ही यहां पर सिग्नल थी, लेकिन 1938 ई0 में ही किसी कारणवश सिग्नल टूट गया
और उस दिन के बाद से आज तक सिग्नल लगाये ही नहीं गये. जबकि मिठाई रेलवे स्टेशन मधेपुरा
के रेलवे स्टेशन से भी पुराना स्टेशन है. यहां से ही दिल्ली और पटना की ओर जाने वाली
सभी गाडियां गुजरती है और आती है. सिंगनल नही रहने से कई बार दुर्घटनाएं भी धट चुकी
है. स्थानीय लोगों ने कई बार आन्दोलन भी किया लेकिन मंत्रालय के कान पर जूं तक नही
रेंगी. ऐसे में यदि मिठाई में भी धमारा जैसी बड़ी दुर्घटना हो जाए तो शायद तब ही
रेल मंत्रालय की नींद खुलेगी.
देश का अजूबा रेलवे स्टेशन: यहाँ सिग्नल से नहीं यात्री के हाथों के इशारे से रूकती है ट्रेन
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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January 12, 2014
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