|विकास आनन्द|05 दिसंबर 2013|
आखिर मधेपुरा जिले के मुरलीगंज में
रेलवे स्टेशन पर लोग आमरण अनशन पर बैठ ही गए. रेल प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की
उपेक्षा से तंग आकर और पांच वर्षों से भी आधेक से मुरलीगंज से ट्रेन नहीं चलने से
नाराज लोग खासे गुस्से में हैं. हो भी क्यों नहीं, रेलवे का सौतेला व्यवहार लोगों
को उग्र कर रहा है.
रेल संघर्ष समिति मुरलीगंज
की की अगुआई में आज शुरू हुए आमरण अनशन के दौरान आक्रोशित लोगों ने क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के
प्रति भी नाराजगी जाहिर की.लोगों का गुस्सा इस बात को लेकर था कि जब मधेपुरा-मुरलीगंज के बीच
आमान परिवर्तन कार्य पूरा होने के बाद रेलवे के रेल सुरक्षा आयुक्त ने निरीक्षण की
प्रक्रिया पूरी करने के बाद रेल परिचालन की स्वीकृति दे दी है तो रेल परिचालन चालू
होने में आखिर क्यों विलम्ब हो रहा है? अनशन पर बैठे लोगों ने बताया कि डीआरएम से
बात करने पर पता चला कि रेल मंत्रालय के निर्देश के मुताबिक क्षेत्र के सांसद के
द्वारा हरी झंडी दिखाकर मुरलीगंज-मधेपुरा के बीच रेल परिचालन शुरू होना है और
मधेपुरा के सांसद शरद यादव अभी इस काम के लिए समय निर्धारित नहीं कर रहे हैं.
लोगों ने कहा कि ये तो हद हो गई कि हमारे सांसद जनता की रेल को अपनी सम्पत्ति
समझकर रोक रखे हैं. अनशनकारियों का कहना था कि पिछली बार आमरण अनशन तो हमने
समझाने-बुझाने पर तोड़ दिया था, पर इस बार अब जान भी देना होगा तो हमलोग दे देंगे.
इस बार अनशन पर चार
लोग बैठे हैं जिनके नाम हैं, उपेन्द्र आनंद, शायम आनंद, विजय यादव, डिम्पल पासवान.
अनशन की अध्यक्षता चेंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष रामजी प्रसाद साह ने किया
जबकि सञ्चालन बाबा दिनेश मिश्र कर रहे थे. अनशन स्थल पर प्रशांत यादव, वार्ड पार्षद पुष्पा मिश्र, वार्ड पार्षद ललिता आनंद, वार्ड पार्षद पूनम देवी, वार्ड पार्षद अंजना देवी, श्याम ठाकुर, मुकेश साह, हेल्प लाईन अध्यक्ष संजय सुमन, चेम्बर ऑफ कॉमर्स के सचिव जय कुमार भगत, विकास कुमार भगत, समेत
दर्जनों लोग मौजूद
थे.
‘अब बर्दाश्त नहीं, जान भी देना होगा तो हमलोग देंगे’
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
December 05, 2013
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