|वि० सं०|09 अक्टूबर 2013|
सूचना के अधिकार के तहत मधेपुरा में एक ऐसा मामला
उजागर हुआ है जिसे जानकर आपके पैरों तले से जमीन खिसक जायेगी.
बिहारीगंज
के सरौनी के बिपिन कमार मेहता के मांगे गए सूचना पर पंचायत रोजगार सेवक अमरेन्द्र कुमार
के पत्रांक 20-1 दिनांकः-30.09.2013 के द्वारा उन्हें सरौनी कला पंचायत के अन्तर्गत मनरेगा योजना
के कुल पाँच योजनाओं क्रमश: 01/2010-11, 01/2009-10, 03/2008-09, 03/2010-11, 16/2012-13 के मस्टर रॉल का प्रपत्र कुल 355 पेज मे सूचना उपलब्ध कराया गया. प्राप्त सूचना का
जब बिपिन कुमार मेहता ने अध्ययन किया तो हैरान रह गए.
योजना
संख्यां 01/2010-11 में पंचायत के दयानंद पासवान की शादीशुदा बेटी पार्वती कुमारी
के नाम पर राशि का उठाव कर लिया गया है जो यहाँ रहती ही नहीं है और न ही दयानंद
पासवान के राशन कार्ड में ही पार्वती का नाम है. हद तो तब हो गई जब दयानंद पासवान
के आठ वर्षीय पुत्र सौरभ कुमार के नाम पर भुगतान दिखा दिया गया. मतलब कि घोटाले की
हडबड़ी में ये इतने मदहोश रहते हैं कि इन्हें इस बात कभी एहसास नहीं हुआ कि बाल
मजदूर को उन्होंने काम पर कैसे लगा दिया ? मजदूर मेठ, रोजगार सेवक, मुखिया, कनीय अभियंता के गठजोड़
में मनरेगा में क्या हो रहा है किसी से छुपा नहीं है.
यही
नहीं, ग्रामीण कहते हैं कि सरौनी पंचायत की मुखिया अंजूमणि भारती के हस्ताक्षर से
भी कई लोगों के नाम पर राशि मुखिया एंड कंपनी के द्वारा उठाकर रख लिया गया. एक
उदहारण गाँव के वकील मेहता के नाम पर 4788/- रू० की फर्जी निकासी है. वकील मेहता
के परिवार के सदस्य के नाम में एक पंकज मेहता का नाम जोड़कर भी राशि निकाल लेने की
बात बताई जाती है जबकि पंकज मेहता नाम का कोई भी व्यक्ति वकील मेहता के परिवार में
नहीं है. लूट के इस खेल में पंचायत से लेकर जिले तक के पदाधिकारी शामिल दिखते हैं
तब ही तो ‘सैंया
भये कोतवाल अब डर काहे का’ के अंदाज में सरौनी पंचायत की मुखिया अंजूमणि भारती के पति
डंके की चोट पर कहा करते हैं कि मेरी पहुँच थाना से लेकर जिले के बड़े पदाधिकारियों
तक है, मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता.
शर्मनाक ! फर्जीवारा ही नहीं, मनरेगा में बाल मजदूरी भी !
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
October 09, 2013
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bhrschari ki had ho gayi mere hisab ke virudh karwai honi chahiye
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