‘पोखराम हत्याकांड मेरे परिवार के खिलाफ एक बड़ी साजिस’

|वि० सं०|02 अगस्त 2013|
मुरलीगंज के पोखराम में गत 16 अगस्त को हुई किसान अभय यादव की हत्या में अशोक कुमार अमर के जेल जाने और अशोक कुमार अमर के पूरे परिवार का नाम घसीट देने पर अशोक के परिजनों ने तीखी प्रतिक्तिया व्यक्त की है और इसे पूरी तरह साजिस करार दिया है. आरोपी अशोक कुमार अमर के दिल्ली में रह रहे भाई सरोज यादव ने मधेपुरा के पुलिस अधीक्षक से इस पूरे षड्यंत्र का खुलासा करने करने की मांग की है.
      मृतक अभय यादव की पुत्री जूली के मधेपुरा टाइम्स में छपे बयान को सरोज यादव ने रटा-रटाया और मृतक के भाई सुधीर कुमार के द्वारा सिखाया-पढ़ाया बताया. उन्होंने कहा कि घटना के बाद अनुसंधान में एसडीपीओ ने उनके भाई अशोक कुमार अमर व परिवार के अन्य सदस्यों को निर्दोष पाया था और इस कांड में संतोष कुमार मंडल व अन्य के खिलाफ आरोप पत्र भी समर्पित किया था जिसके बाद संतोष मंडल को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा गया था. अशोक कुमार अमर और उनके परिवार को बेवजह फंसाया जाना एक बड़ी साजिस है जबकि घटना के बाद भी मृतक की पत्नी बीना देवी ने संतोष मंडल पर ही शक जाहिर किया था.
      इस कांड में काराधीन शिक्षक अशोक कुमार अमर के भाई सरोज कुमार ने अपने परिवार के लोगों को फंसाए जाने पर दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि मेरे 71 वर्षीय पिता हरिनंदन यादव सेवा निवृत शिक्षक हैं और गाँव के एक प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं. इनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं रहा है और ये बीमार रहने की वजह से मधेपुरा में रहकर इलाज कराते हैं. बड़ा भाई मध्य विद्यालय में प्रधानाध्यापक है और उनके विरूद्ध किसी थाना में कोई शिकायत दर्ज नहीं है. कांड में फंसाए गए छोटे भाई देव कृष्ण यादव दिल्ली विश्वविद्यालय से पढ़ाई कर चुके हैं और उन्हें गाँव से कोई लेना देना नहीं है.
       आरोपी अशोक कुमार अमर के परिजनों का कहना है कि ये बात प्रकाश में आई है कि मृतक को घटना की रात में शिक्षक संतोष मंडल ने मांस खाने और दारू पीने के लिए बुलाया था और उसी दौरान ये हत्या हुई. मृतक की पत्नी का भी शक संतोष मंडल पर गया था. घटना जिस जगह पर बताया जा रहा है उसके आसपास के लोगों को भी रात में घटना के बारे में क्यों नहीं पता चला ? जब पुलिस ने अनुसंधान में एक बार संतोष मंडल को दोषी करार दिया था तो आखिर किस आधार पर मेरे भाई और पिता को फंसाया गया ? अभय यादव की हत्या ही पूरी तरह षड्यंत्र का हिस्सा था. कांड का सच सामने आना निहायत जरूरी है.इस घटना से आहत सरोज कुमार का कहना है कि मेरे परिवार की शिक्षा और शिक्षण व्यवस्था इससे काफी बाधित हो रहा है.
      मधेपुरा के पुलिस अधीक्षक के नाम लिखे गए आवेदन में इसके अलावे अन्य कई बिंदुओं की चर्चा करते हुए खुद के स्तर से जांच कराकर सरोज यादव ने अपने निर्दोष पिता और भाई को दोषमुक्त करने की गुहार लगाई है ताकि न्याय के प्रति आमलोगों की आस्था कायम रह सके.
‘पोखराम हत्याकांड मेरे परिवार के खिलाफ एक बड़ी साजिस’ ‘पोखराम हत्याकांड मेरे परिवार के खिलाफ एक बड़ी साजिस’ Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on August 02, 2013 Rating: 5

1 comment:

  1. aaj kal log apne se jyada dusron ki burai ke bare me sochte hain .. yadi samaj me koi aagen badna chata ha to is tarah se murder ya na jane kya kya charges laga kar use ulgha dena chata ha..
    yadi sachmuch koi larki apne pita ke hatyare ko saja dilwana chahti to we sach ko aagen lati .. na ki ek hi pariwar ke sare logon ka nam dekar badnam karti .. mughe to aisa lagta ha ki jisne bhi is pariwar ke sadasyon ko phasane ka sadyantra kiya ha wo kahi na kahi ya to kisi vivasta,ya kisi ke dawab ya fir koi aur majboori ke karan asli mujrim ko na pakarwa kar insan longon ko is daldal me ghasit rahi ha..

    samaj ke badalte swaroop par hame khaid ha. par mughe viswas ha ki log insan ko kitna bhi paresan kyon na karna chahe aant me insaan ki hi jeet hoti ha .. isliye in pariwar ke sath bhale hi wo ladki ya unke family ya aanya log kitna bhi galat soche par bhagwan kabhi bhi galat nahi soch sakta .. ant me vijay inki hi hogi.
    par mughe khaid ha in karon se kahi asli mujrim yu hi bach nikle .. aur wo fir aagen bhi is tarah ke wardaat karte rahen..

    bhagwan us ladki aur unke pariwar wale ko sadbudhi de taki asli mujrim pakra jaye nahi to samaj me logonka insaniyat se bharosa uth jayega..

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