|संवाददाता|16 जुलाई 2013|
‘हिम्मत है जीने की, बिटिया बचाओ मानवता बचाओ’ विषय पर आज मधेपुरा के टाउन हॉल
में एक जिलास्तरीय संवाद का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का उदघाटन मधेपुरा के
विधायक प्रो० चंद्रशेखर और मधेपुरा के सिविल सर्जन डा० परशुराम प्रसाद के द्वारा
किया गया.
कार्यक्रम
में वक्ताओं ने समाज में बेटियों की घटती संख्यां पर चिंता जताया तथा कहा कि इसके
जड़ में भ्रूण हत्या है और बेटियों का इस तरह घटना समाज के लिए बड़ा खतरा है. मंडन
भारती जागृति समाज, बनगांव, सहरसा की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में राजकीय कन्या
मध्य विद्यालय कि प्राचार्या आभा कुमारी, एएनएम संगीता आदि ने अपने विचार रखते हुए
कहा कि दहेज जैसी बुराइयां भी भ्रूण हत्या के पीछे बड़ी वजह है. मधेपुरा के सिविल
सर्जन ने कहा कि मेरी नजर में बेटियों का महत्त्व बेटों से अधिक है. उन्होंने
जानकारी दी कि शहर में मौजूद अल्ट्रासाउंड लैब्स की मॉनिटरिंग के लिए एक टीम बना
दी गई है जो लिंग परीक्षण को रोकेगी.
मंडन
भारती जागृति समाज की सचिव श्रीमती लाजवंती झा ने बेटी बचाने के लिए भ्रूण हत्या
रोकने की अपील गाँव-गाँव तक पहुंचाने की जरूरत पर बल दिया. कार्यक्रम में अन्य कई
वक्ताओं ने बेटी को बचाने और उसके सर्वांगीण विकास पर ध्यान देने का अनुरोध लोगों
से किया. कार्यक्रम को सफल बनाने में कार्यकर्ता राजेश कुमार, अमितसिंह, विवेक,अजय, दिनेश दिनकर आदि का भी योगदान महत्वपपूर्ण रहा.
‘बिटिया बचाओ,मानवता बचाओ’ पर असरदार संवाद
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 16, 2013
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बेटियां समाज के लिए वरदान हैं /इन्हें मिटाने की सोच कभी नहीं होनी चाहिए / पिता का प्यार भाई का स्नेह और माँ की ममता को सहेज सकने की क्षमता सिर्फ बेटियों में ही होती है /आज बेटियों की जिस कदर हत्या हो रही है ,काफी दुखदायी है / मेरे विचार से अल्ट्रासाउंड लैब को भ्रूण परिक्षण पर रोक लगाने से बेहतर यह होगा कि जो दंपत्ति भ्रूण जाँच कराना चाहे वे एक शपथ पत्र दें कि जो भी संतान हो उनको स्वीकार होगा /अगर संतान को कुछ भी प्रॉब्लम होगा तो सारी जबाबदेही दंपत्ति की होगी और क़ानूनी रूप से अपराधी माने जायेंगे /
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