|वि० सं०| 08 मई 2013|
मधेपुरा के एक न्यायालय द्वारा एक महीने में ही
दुष्कर्म के प्रयास में असफल आरोपी के द्वारा महिला की बच्ची की हत्या के मामले
में सजा सुना देने पर जहाँ आम लोगों की आस्था न्यायालय के प्रति बढ़ती नजर आ रही है
वहीं निश्चित ही मधेपुरा पुलिस में खाते में बड़ी सफलता दर्ज हुई है. इस सजा की
सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि जहाँ पुलिस और अभियोजन पूरी तरह सक्रिय रहे वहीं मधेपुरा
के तदर्थ न्यायालय के विद्वान न्यायाधीश वाई. एन. सिंह ने डिफेन्स को भी अपनी बात
रखने का पर्याप्त समय दिया जिससे ऊपर के न्यायालय में भी ऐसी सजा के बहाल रहने की उम्मीद
बढ़ जाती है.
आए दिन
दुष्कर्म जैसी घटनाओं में हो रही वृद्धि को देखते हुए ऐसी सजा इस तरह के अपराधियों
के मन में भय पैदा कर उनकी मनोवृत्ति में परिवर्तन कर सकते हैं.
मधेपुरा
के एसपी सौरभ कुमार शाह इस निर्णय से खासे उत्साहित हैं. कहते हैं इस श्रेणी के
अपराधों के मामले में त्वरित विचारण की ही आवश्यकता है. इस केश में पुलिस
पदाधिकारी और अभियोजन हमेशा संपर्क में बने रहे जिससे इस मामले का त्वरित निष्पादन
हो सका और अपराधी को उसके किये की सजा अतिशीघ्र मिल सकी. उन्होंने कहा कि वैसे तो
हर अपराध गंभीरता से लिए जाने चाहिए पर इस तरह के घृणित सामाजिक अपराध के मामले
में भविष्य में भी नजर रखी जायेगी और इसी तरह अपराधियों को स्पीडी ट्राइल से सजा
दिलाने के प्रयास किये जायेंगे ताकि ऐसे अपराधों पर लगाम लगाया जा सके जिससे जिले
और राज्य के बारे अच्छे सन्देश जा सकें.
मधेपुरा
न्यायालय के लोक अभियोजक मृत्युंजय प्रसाद सिंह इस निर्णय से पूरी तरह संतुष्ट
होकर कहते हैं ये न्याय की जीत हुई है.
वरीय
शिशुरोग विशेषज्ञ डा० अरूण कुमार मंडल कहते हैं कि इस फैसले से लोगों में न्यायालय
के प्रति आस्था बढ़ी है. अगर न्यायालय इतना तत्पर हो जाए तो समाज में अपराध में कमी
निश्चित रूप से हो जायेगी. वे कहते हैं कि “जस्टिस डिलेड इस जस्टिस डिनाइड”.
अधिवक्ता
सह टाइम्स ऑफ इण्डिया के वरिष्ठ पत्रकार देव नारायण साहा मानते हैं कि इस सजा से
जिले के साथ-साथ राज्य और देश में अच्छा सन्देश जाएगा और महिलाओं के विरूद्ध बढते
अपराध में कमी आयेगी.
मधेपुरा
की परिवार कल्याण परामर्शी सुधा संध्या का मानना है कि इस तरह यदि जल्द और कठोर
सजा दुष्कर्मियों को मिलने लगे तो ऐसे अपराध निश्चित रूप से घटेंगे. उन्होंने कहा
कि अभी अपराधियों के मन में न्यायालय का खौफ नहीं है. वे सोचते हैं कि अपराध
करेंगे और जमानत पाकर या रिहा होकर फिर बाहर हो जायेंगे. पुलिस और न्यायालय को इसी
तरह की सक्रियता दिखानी होगी.
मुरलीगंज
हेल्पलाइन के संचालक विकास आनंद इस फैसले से काफी रोमांचित हैं और कहते हैं कि मधेपुरा
न्यायालय और पुलिस अधीक्षक सौरभ कुमार शाह इसके लिए बधाई के पात्र हैं.
मधेपुरा
के युवा व्यवसायी अमित सिंह मोनी कहते हैं ये जिले के लिए एक शुभ संकेत है. इस फैसले
से न्यायालय के प्रति लोगों के मन में आदर बढ़ा है और पुलिस पर विश्वास कायम हो रहा
है.
वहीँ
प्रमुख कम्प्यूटर संस्था समिधा ग्रुप के संचालक संदीप शांडिल्य इसके लिए न्यायालय
के साथ युवा एसपी सौरभ कुमार शाह की प्रशंसा करते हैं. वे कहते हैं कि पुलिस
अधीक्षक के नेतृत्व में वर्तमान पुलिस पर लोगों का भरोसा कायम हुआ है.
न्यायालय पर बढ़ी है आस्था: पुलिस पर कायम हो रहा विश्वास
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
May 08, 2013
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