गुजरे जमाने में देश से लेकर विदेश तक गणित के
क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने वाले गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह विधिवत
रूप से भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा में विजिटिंग प्रोफ़ेसर बनाये
गए. मंगलवार की देर रात वशिष्ठ बाबू मधेपुरा पधारे और बुधवार को बतौर विजिटिंग
प्रोफ़ेसर मीडिया से भी मुखातिब हुए. बेशक प्रतिभा को सम्मान का यह बेहतरीन मौका था
लेकिन वशिष्ठ बाबू की शारीरिक स्थिति कई सवाल छोड़ गए.
गौरतलब
है कि कभी गणित के उदभट विद्वान रहे वशिष्ठ नारायण सिंह की शारीरिक और मानसिक
स्थिति लंबे समय से बेहतर नहीं रही है. कभी भारतीय सांख्यिकी संस्थान कलकत्ता की
शोभा बढ़ा चुके वशिष्ठ बाबू आज गुमनामी की जिंदगी जी रहे हैं. इस लिहाज से देखा जाय
तो भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय का यह प्रयास सराहनीय माना जा सकता है
लेकिन वहीं दूसरी ओर उनकी शारीरिक और मानसिक स्थिति को देखते हुए यह कह पाना
मुश्किल है कि उनका लाभ विश्वविद्यालय के छात्रों एवं अध्यापकों को कितना मिल पाता
है. हालांकि कहते हैं कि विद्वानों की संगति भी बड़े काम की चीज होती है.
मीडिया
से मुखातिब वशिष्ठ बाबू ने माना कि यह सम्मान पाकर उन्हें अच्छा लग रहा है.
मधेपुरा टाइम्स द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पढाने के क्रम
में वे ‘फंक्शनल एनालिसिस’ को पढ़ाना अधिक पसंद करेंगे. विश्वविद्यालय
के कुलपति डा० अनन्त कुमार ने कहा कि उनकी शारीरिक स्थिति भले ही थोड़ी कमजोर हैं
लेकिन यहाँ की आबोहवा में उनकी स्थिति में सुधार अवश्य होगा और उनसे छात्र और
अध्यापक लाभान्वित होंगे.
गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण बने बीएनएमयू के विजिटिंग प्रोफ़ेसर
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 17, 2013
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