मिथिला के मध्य पुराना नगर है
कोसी के तट पर बसा शहर है।
ये श्रृंग ऋषि का धाम है।
भारत, बिहार की शान है।।
भगवान शिव का सिंहेश्वर मंदिर
बिहार को वरदान है।
महाशिव रात्रि का मेला यहाँ का
भारत में जिसका नाम है।।
मठ मिठाई था,
ज्ञान की पहली किरण,
यहाँ पर फूटा था।
दो नदियों के मध्य
दौरम मधेपुरा पुराना नाम है
धारा बदलने में माहिर
कोसी नदी की पहचान है।
मधेपुरा यदुवंशियों का
नया गोकुल धाम है।
लोक देवता में वीरलोरिक
कारू खिरहर, खेदन,
घोघन का नाम है।।
मधेपुरी अंदाज यहाँ का
सामाजिक सद्भावना का धाम है,
भूपेन्द्र, भोली, शिवनंदन, वी.पी.मंडल
का बड़ा योगदान है।
राजनीति का नया कुरूक्षेत्र
जो राजनेताओं की आन है,
इतिहासों ने सदा किया है
मधेपुरा का सम्मान है।
इलाहाबाद के भारतीय कांग्रेस अधिवेशन में,
बिहार से थे चालीस आजादी के अग्रदूत।
अनंत, गिरवरनारायण, बाबूलाल, रासबिहारी मंडल,
मधेपुरा से थे जिसमें चार सुपुत्र।
कृपलानी, लोहिया, जयप्रकाश
कर्पूरी का समाजवादी स्थान है।
अंग्रेजों से लोहा लेनेवाले,
रासबिहारी मंडल पर शान है।
हम कोसी नदी के मुख्य धारा में बसकर,
हैं कोसी में जीते-मरते
राजनीति के उथल-पुथल में रहकर,
हैं विकास में पिछड़ते।
चन्दन कुमार, मधेपुरा
मोबाइल - 8051565610
मधेपुरा - चन्दन कुमार
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
March 24, 2013
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