|ए.सं.|05 मार्च 2013|
दिल्ली
विश्वविद्यालय के प्राध्यापक व कांग्रेस नेता प्रो सूरज यादव ने मधेपुरा के सांसद शरद
यादव द्वारा 2200 करोड़ रुपये से
अधिक की लागत के मधेपुरा रेल इंजन फैक्ट्री को 80 करोड़ दिलवाने के दावे को हास्यास्पद बताते हुए कहा की संभवतः सांसद महोदय को यह भी
जानकारी नहीं है कि इस परियोजना को PPP (प्राइवेट पब्लिक
पार्टनरशिप) में डाल दिया गया है और इस पर अन्तराष्ट्रीय निविदा आमंत्रित किया
गया है। परियोजना के रोजमर्रे का लेख जोखा के तहत स्थापत्य और अफसर-कर्मचारियों के
वेतन आदि के लिए आवंटित किये गए 80 करोड़ रुपये को अपने प्रयास का नतीजा बता कर
शरद यादव अपने राजनैतिक कद ही दिखा रहे हैं। वैसे भी इस परियोजना के
लिए 80
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सूरज यादव |
करोड़ रुपये ऊंट
के मुंह में जीरा से भी कम है।
श्री यादव ने कहा कि शरद यादव अगर थोडा प्रयास करते तो मधेपुरा पूर्णिया रेल लाईन अमान परिवर्तन के लिए ज़रूरी राशि आवंटित हो सकता था जिससे शायद उनके संसद रहते इस लाईन पर
ट्रेन चल सकती थी।
मधेपुरा तक
ट्रेन संख्या और राजरानी एक्सप्रेस बढ़ाने पर भी लोग उन्हें साधुवाद देते, परन्तु मधेपुरा का दुर्भाग्य है की यहाँ
के संसद संसद में मधेपुरा बोलने पर भी लजाते हैं। इसके पहले भी शरद यादव ने
हास्यास्पद स्थिति पैदा की जब पहले से चल रहे ट्रेनों को मधेपुरा आने
पर झंडी दिखा कर उसे चलवाने का दावा करते रहें हैं।
सूरज यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि मधेपुरा के
प्रति सांसद शरद यादव की उदासीनता के अनेक उदाहरण हैं, जिनमें सबसे गंभीर यह है की
मधेपुरा में स्वीकृत केन्द्रीय विद्यालय भवन नहीं मिलने पर प्रस्ताव वापस ले लिया गया, और सांसद महोदय
राष्ट्रीय समस्याओं से जूझते रहे ।
शरद यादव का मधेपुरा रेल फैक्ट्री पर हास्यास्पद दावा
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
March 05, 2013
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