संवाददाता/18/12/2012
बिहार में हरिजन की 22 जातियों में मुसहरों की दशा
जस की तस है. सरकार घोषणाएं तो कर रही है पर उन्हें इसका वास्तविक लाभ नहीं मिल पा
रहा है. सीलिंग-भूदान के तहत दी गयी जमीन पर दखल कब्ज़ा तथा सबों को बसने के लिए
तीन डिसमिल जमीन देने का वादा सिर्फ कागजों पर ही है. संख्यां में अधिक होने के
बावजूद जब इन्हें अपनी उपेक्षा का एहसास हो रहा है तो अब मधेपुरा में बिहार मुसहर
सेवा संघ के बैनर तले दर्जनों कार्यकर्ताओं ने समाहरणालय के समक्ष धरना दिया. धरना
की अध्यक्षता करते हुए प्रमंडलीय अध्यक्ष सुखदेव ऋषिदेव ने बताया कि वर्तमान सरकार
सिर्फ घोषणाएं कर वाहवाही लूट रही है और उनलोगों की स्थिति में कोई सुधार नहीं हो
रहा है. धरना पर बैठे लोगों ने मनरेगा में हो रहे घोटाले पर रोक के अलावे रिक्शा
चालकों के लिए रैन बसेरा आदि की मांग भी सरकार से रखी. उन्होंने कहा कि यदि सरकार
हमारी बातें नहीं सुनती है तो हमारा आंदोलन और भी तेज होगा.
मुसहरों की दशा जस-की-तस: बैठे धरना पर
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
December 18, 2012
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