‘ऑनलाइन छोड़िये, मैनलाइन में आइये’. लालू के दिल में कभी नफरत नहीं
रही है. 15 साल के शासनकाल में कुछ गलती हुई हो तो माफ कीजियेगा. कुछ आप बदलिए कुछ
हम बदलेंगे. जात रहेगा पर अपनी जगह, लेकिन जात पात की राजनीति नहीं चलेगी. उसे
चलना भी नहीं चाहिए. उक्त बातें राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने सुपौल के गांधी
मैदान में परिवर्तन रैली को संबोधित करते हुए कही.
भीड़
को देख उत्साहित हँसते-हंसाते अपने चिर-परिचित अंदाज में लालू ने कई गंभीर बातें
कहीं. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार रावण की तरह अहंकारी हैं. उन्होंने नवादा की
चर्चा करते हुए कहा कि नीतीश चीरहरण के दोषी हैं और उन्हें कभी माफ नहीं किया जा
सकता है. साथ ही उन्होंने यह भी कह डाला कि उनके पेट में दांत नहीं है वे तो केवल
बोलते हैं.
नियोजित
शिक्षकों को उनका हक दिलाने का भरोसा दिलाते हुए कहा कि आपका जीवन बर्बाद कर दिया
गया है. शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करने का आरोप लगते हुए उन्होंने कहा कि स्कूलों
में परीक्षा पद्धति समाप्त कर ग्रेडिंग प्रणाली शुरू कर दी गयी है. स्पष्ट है कि
अगले दस वर्षों में गरीबों के बच्चे ‘लिख लोढा पर पत्थर’ हो जायेंगे. उन्होंने सवालिया लहजे में श्रोताओं से पूछा
कि बताएं कि किस हाई स्कूल में कम्प्यूटर की पढ़ाई हो रही है.
राज्य
में व्याप्त भ्रष्टाचार की चर्चा करते हुए लालू ने कहा कि जहाँ देखो घूसमघूस, बिना
पैसे के कोई सुनवाई नहीं होती है. गर्भाशय घोटाले की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा
कि 17 हजार महिलाओं की बच्चेदानी गायब है. मर्दों के भी बच्चेदानी निकाले गए,
सचमुच बिहार बदल गया है.
उन्होंने
फसीद महमूद और कफील अहमद तथा सीतामढी, दरभंगा और मधुबनी का जिक्र करते हुए कहा कि
मुस्लिम नौजवानों को आतंकवादी के नाम पर टारगेट किया जा रहा है. सभा को पूर्व
केन्द्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने संबोधित करते हुए सरकारी महकमे में
व्याप्त घूस की दर की चर्चा करते हुए कहा कि ‘जल का दीप जल न पायेगा, छल का राज चल न पायेगा’. उन्होंने युवाओं से आह्वान किया
कि जिन्दा कौम पांच साल तक इन्तजार नहीं करती है, इस राज्य सरकार को ‘गर्दनियाँ’ की जरूरत है.
परिवर्तन
रैली में लालू के तेवर भले ही पुराने थे लेकिन सुर बदला-बदला नजर आया. उन्होंने
सवर्णों की सामजिक परिवेश में अहमियत को बताया और उनकी खूबियों की चर्चा करते हुए
जात-पात की राजनीति से किनाराकशी के संकेत छोड़ गए. जदयू छोड़कर स्थानीय स्तर के कई
नेता राजद में शामिल हुए जो महत्वपूर्ण माना जा सकता है. भीड़ के लिहाज से भी इस
यात्रा को किसी अन्य यात्रा से कमतर नहीं आँका जा सकता है. हालांकि यह भीड़ वोट
बैंक में कितना तब्दील होती है यह वक्त के गर्भ में छिपा हुआ है. प्रथम दृष्ट्या
यह रैली परिवर्तन की दिशा में एक सकारात्मक कदम जरूर मानी जा सकती है.
जात-पात की राजनीति नहीं चलेगी: लालू
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
December 02, 2012
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badle badle se sarkar nazar aate hain..
ReplyDeleteagar lalu sahi mein badal gaye hain toh ye Bihar ke liye achi bat hai.akhir RJD main opposiion party hai
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