दिल से जुड़ा है अंगूठी का मामला: वर्ल्ड मैरिज डे पर विशेष

आधुनिक विज्ञान के एक्यूप्रेशर तकनीक से भी इस बात को बल मिलता है कि अनामिका अंगुली का सम्बन्ध मनुष्य के ह्रदय यानि दिल से होता है और शायद ये भी एक बड़ी वजह है कि शादी के पूर्व प्रचलित 'रिंग सेरेमनी' में भी अंगूठी अनामिका अंगुली में ही पहनाया जाता है ताकि पहनाने वालों के दिल एक-दूसरे से जुड़ सके.वैसे भी हिन्दू विवाह में अंगूठी पहनाने का रिवाज बहुत ही पुराना है. हिन्दू विवाह के सभी  प्रतीकों में सबसे ज्यादा सामान्य प्रतीक अंगूठी ही है और ये विवाह के बाद भी लम्बे समय तक प्रयोग में लाया जाता है.
              ऐसा माना जाता  है कि कन्या की अंगुली में  अंगूठी पहनने का रिवाज 'गन्धर्व विवाह' से प्रारंभ हुआ,यानि चोरी-छुपे विवाह में लड़की की  अंगुली में अंगूठी डाल देने का उद्द्येश्य शायद ये रहा होगा कि समाज ये समझ ले कि इसकी शादी हो चुकी है और फिर से उसका विवाह न कराया जाय.
               इतिहास के पन्नों को अगर पलटा जाय तो अंगूठी के महत्व के प्रमाण 'ग्रन्थ युग' से ही मिलने लगते हैं.रामायण और महाभारत में भी अंगूठी महत्व की वस्तु के रूप में सामने आई है.सीता को जब रावण ने अपहरण कर अशोक वाटिका में रखा था और हनुमान जब सीता के पास राम का दूत के रूप में पहुंचे थे तो उन्हें यह विश्वास दिलाने कि सचमुच उन्हें श्रीराम ने ही भेजा है,वे राम के द्वारा  दी गई अंगूठी सीता को दिया था.
                पारंपरिक रूप से अंगूठी सोने के बने होते थे,चूंकि सोना अन्य धातुओं की तुलना में महंगा होता था,पर आज 'हीरे की अंगूठी' 'हीरा है सदा के लिए' कह कर ज्यादा लोकप्रिय हो रही है.
   एक समय यह माना जाता था कि विवाह के अवसर पर अंगूठी पहनाने का अर्थ एक पवित्र रिश्ते की शुरुआत करना है और वर अपनी पत्नी को आजीवन प्यार देने और उसकी देखभाल करने के लिए कृतसंकल्प है,पर आज इसे सिर्फ दो लोगों के मिलन का प्रतीक माना जाता है.पूर्व में औरतें अंगूठी अपने बाएं हाथ की चौथी अंगुली 'अनामिका' में ही पहना करती थी.
               वैसे अगर एक लोकप्रिय मान्यता पर विश्वास करें और इसके वैज्ञानिक पहलू पर गौर करें तो बाएं हाथ की चौथी अंगुली के नस और तंत्रिका का सम्बन्ध ह्रदय से होता है और इसमें पहनी गई अंगूठी ह्रदय को सही ढंग से काम करने में मदद पहुंचाती है.
              अंगूठी का पारंपरिक जो भी महत्व हो पर ये बात बहुत हद तक सही है कि अंगूठी एक ऐसा प्रतीक है जिसके विषय में माना जाता है कि यह  सम्बन्ध को मजबूत  साथ ही अंतहीन प्यार को बनाये रखता है.

 
--साक्षी, मधेपुरा
दिल से जुड़ा है अंगूठी का मामला: वर्ल्ड मैरिज डे पर विशेष दिल से जुड़ा है अंगूठी का मामला: वर्ल्ड मैरिज डे पर विशेष Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on February 08, 2012 Rating: 5

3 comments:

  1. good artical. I hope you write too good.

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  2. गौरव राजFriday, 10 February, 2012

    शब्दों पर अदभुत पकड़...चेहरे से झलकता आत्मविश्वास...उम्दा लेखनी के लिए साक्षी जी को बधाई.मधेपुरा टाइम्स को भी शुक्रिया.

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  3. Bahut hi sundar...I like it.

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