मधेपुरा टाइम्स के शख्सियत कॉलम में आज हम मधेपुरा की उस हस्ती को प्रस्तुत करने जा रहे हैं जो वास्तव में दूसरों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं. लगभग 37 साल की इस लड़की का नाम है उर्मिला अग्रवाल, पर लोग इसे मुन्नी के नाम से ही जानते हैं. खुद का चेहरा पूरी तरह जला हुआ पर ये दूसरों की ख़ूबसूरती इस कदर निखारती है कि देखने वाले दंग रह जाते हैं. मधेपुरा मेन रोड मे सुभाष चौक के पास अवस्थित हनी ब्यूटी पार्लर की संचालिका मुन्नी का खुद का चेहरा भले ही बचपन मे ही जल गया हो, पर इससे उसके आत्मविश्वास पर कोई फर्क पड़ता नजर नहीं आ रहा है. ये मुन्नी के आत्मविश्वास का ही कमाल है कि आज इसके पार्लर मे सुंदरता की चाह रखने और प्रशिक्षण पाने वाले लड़कियों और महिलाओं की लाइन लगी रहती है.
1973 मे मधेपुरा मे ही जन्मी लखी प्रसाद अग्रवाल और रतनप्रभा की दुलारी बेटी के साथ ये हादसा उस वक्त हुआ जब मुन्नी चार-पांच साल की थी. रात के करीब दो बजे टेबुल पर रखा लालटेन गिरा और फिर सोती मुन्नी के साथ जो कुछ हुआ वो शायद कोई भी लड़की अपने साथ होना कभी नहीं चाहेगी. चेहरा और हाथ तो जल ही गया,आँखों की रौशनी भी चली गयी थी. माँ रतनप्रभा सबकुछ बताते हुए मायूस हो जाती है. कहती है लगा था सारे सपने बिखर गए थे. पटना मे लंबे इलाज से आखों की रौशनी तो वापस आ गयी, पर मुन्नी का चेहरा इस कदर भयावह हो गया कि लोग देखकर डरने से लगे थे. मुन्नी को शायद उस वक्त इस बात का एहसास नहीं था कि उसके साथ हुए इस हादसे ने उसकी जिंदगी के कई मायने बदल कर रख दिए हैं. राजकीय कन्या मध्य विद्यालय से प्राथमिक शिक्षा, केशव कन्या उच्च विद्यालय से हाई स्कूल
और केबी वीमेंस कॉलेज से कॉलेज की शिक्षा प्राप्त करते-करते मुन्नी को लग गया कि यदि उसने कुछ अलग नहीं किया तो वह घर और समाज पर एक भार जैसा बन जायेगी

.मधेपुरा टाइम्स से हुई खास बातचीत में मुन्नी बताती है कि उसे लगा कि घर पर ही कुछ करके उसे समाज मे एक अलग पहचान बनानी चाहिए ताकि लोग रूप से नहीं बल्कि गुण से प्रभावित हो सके. खुद का चेहरा उसे कचोटता रहा तो उसने दूसरे को ही सुन्दर बंनाने का फैसला किया. 3 फरवरी 2001 मुन्नी की जिंदगी के लिए एक टर्निंग पॉइंट साबित हुआ. हनी ब्यूटी पार्लर में धीरे-धीरे लोग मुन्नी की हाथ के करामत का लोहा मानने लगे.बी० ए० ऑनर्स तक की पढाई कर चुकी मुन्नी ने ब्यूटी टिप्स सीखने मे कड़ी मिहनत की और मुश्किल से पांच साल की मेहनत मे ही हनी ब्यूटी पार्लर ने भीड़ के मामले मे सबको पीछे छोड़ दिया. यहाँ से प्रशिक्षण पाई हुई सैंकडों लड़कियों ने मधेपुरा तथा सुपौल सहित राज्य के विभिन्न इलाकों मे पार्लर खोल रखे हैं और उम्दा प्रदर्शन दिखा रही है. मुन्नी समाज पर भार बनना तो दूर आज अपने माँ-बाप के भार को भी उठाने मे पूरी तरह सक्षम है. माँ कहती है भगवान ऐसी गुणी बेटी सबको दे, पर कहते हुए एक माँ का दर्द भी झलक ही जाता है.
मीडिया के सामने नहीं आने को सोच रखी मुन्नी से मधेपुरा टाइम्स ने उसके जीवन से सम्बंधित विभिन्न विषयों पर बातचीत की. शादी के फैसले पर मुन्नी कहती है कि मेरे पापा मेरे सम्बन्ध को लेकर कहीं जा नही सकते और फिर मेरे लायक, मेरे विचारों के लायक शायद ही कोई मिलेगा जो मुझे इस रूप मे अपना सके.मैं नहीं चाहती कि कोई मुझ पर दया कर मेरा हाथ थामे. ऐसे मे शादी न करने का फैसला ही उचित लगता है.
मुन्नी का चेहरा जैसा भी लगता हो, पर विचारों की गहराई और समझ प्रभावित कर देते हैं. हाथों की कला शायद ही किसी और मे हो. यही तो वजह है कि आज भी अनगिनत लड़कियां अपनी नई जिंदगी मे कदम रखने से पहले मुन्नी के घर की चौखट पर कदम रखना पसंद करती हैं.
प्रेरणादायक इस अद्भुत व्यक्तित्व को मधेपुरा टाइम्स परिवार की ओर से हार्दिक शुभकामनाएँ.
(मधेपुरा टाइम्स ब्यूरो)
मुन्नी:खुद का चेहरा जला हुआ पर निखार रही दूसरों की ख़ूबसूरती
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 23, 2011
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I like and hates of for Munni di's confidence . really i appreciate her talent and i am also a big fan of her .
ReplyDeleteMUMBAI
munni ji sayad pahli esi ensan h jo aapni khubosurti ko samne wale ke chehre par dekhati h.
ReplyDeleteJo aapni kamjori ko takat bana liya h.
आत्म बिश्वास की मिशाल है और साथ ही दुख के पल मे प्रेरणा इस शख्सियत ने सत्य को स्वीकार किया सत्य ही शिव है शिव ही सुंद र है सत्यम शिवम सुन्दरम.
ReplyDeleteONLY ONE WORD FOR THE LADY........... HATS OFF........... DATS ALL........ GOD BLESS YOU.....
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