राकेश सिंह/१० नवंबर २०११
देखरेख के अभाव में वर्षों से मृतप्राय: बना मधेपुरा का गोशाला अब विकास के पथ पर अग्रसर हो चला है.इसी वर्ष अगस्त में जब गोशाला समिति मधेपुरा का पुनर्गठन हुआ और सदस्यों ने जब इसके विकास को गंभीरता से लेना शुरू किया तो यूनिवर्सिटी के सामने अवस्थित गोशाला की रौनक फिर से बहाल होने लगी.इस समय गोशाला में गायों की संख्यां ३२ हो गयी है.समिति का लक्ष्य २०० गायों की खरीद का है जिससे २००० लीटर दूध प्रतिदिन होंगे.वैसे दूध के मामले में अभी भी गोशाला धनी है.मधेपुरा के आम लोग अभी भी यहाँ से प्रतिदिन दूध खरीद सकते हैं.वर्तमान में यहाँ दूध २६ रू० लीटर उपलब्ध है.कोई भी व्यक्ति अपना नाम यहाँ रजिस्टर्ड करवा कर दूध के लिए बर्तन दे सकता है.गोशाला समिति ने लोगों के घर तक दूध पहुंचवाने की व्यवस्था कर रखी है.इसके अलावे शादी-ब्याह जैसे उत्सवों के लिए भी पहले से ऑर्डर देने पर बड़ी मात्रा में यहाँ से दूध उपलब्ध कराया जा सकता है.
गोशाला के दूध से होने वाली आमदनी को अच्छे काम में लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.इसकी आमदनी से इलाके के गरीब व अनाथ बच्चों को सहारा व शिक्षा देना तथा गरीब लड़कियों की शादी कराने का लक्ष्य है.
वर्तमान में गोशाला समिति मधेपुरा के अध्यक्ष अनुमंडल पदाधिकारी संजय निराला,सचिव रामचंद्र प्र० मंडल(झल्लू बाबू), संयोजक रविन्द्र प्र० यादव, कोषाध्यक्ष प्रो० जटाशंकर यादव व उपाध्याक्ष्य जनक राम हैं.
समृद्ध हो रहा मधेपुरा का गोशाला:गायों की संख्यां हुई ३२
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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November 10, 2011
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