दीपावली पर सजा मूर्तियों और पटाखों का बाजार,घटी बिक्री

संवाददता/२३ अक्टूबर २०११ 
दीपावली का त्यौहार करीब आ चुका है.बाजार की रौनक बढ़ चुकी है.अन्य साल की तरह छोटी मूर्तियों और पटाखों का बाजार भी सज चुका है.इन दुकानों पर भीड़ भी नजर आती है,पर बिक्री अब तक काफी कम है.मूर्तियों की बिक्री तो सामान्य है क्योंकि ये दीपावली के अवसर पर की जाने वाली पूजा से सम्बन्ध रखता है.पर इस बार पटाखा बेचने वालों के चेहरे पर बड़ी मायूसी छाई हुई है.पटाखे की बिक्री अभी तक मधेपुरा में काफी कम है.इसका पहला कारण पटाखों की
कीमत में पिछले साल की तुलना में हुई भारी वृद्धि है.बताते हैं कि सामानों की कीमत बढ़ जाने से पटाखों की कीमत में तकरीबन डेढ़ गुना की वृद्धि हो गयी है.इस वर्ष बीड़ी पटाखा १५ रू० पैकेट, बम मिनी बुलेट ३० रू० पैकेट, हाइड्रो बम ५० रू०,रॉकेट ७० रू० पैकेट हैं और अन्य पटाखे भी महंगे ही बेचे जा रहे हैं.पुरानी कचहरी के पास के पटाखा विक्रेता मुजफ्फर अहमद आशा व्यक्त करते हैं कि धनतेरस के दिन से यानी २४ अक्टूबर से पटाखों की बिक्री बढ़ सकती है.वे आगे कहते हैं कि महंगाई भले ही बढ़ी है,पर लोगों के शौक भी तो कम नहीं हुए हैं.अभी दिवाली में तीन-चार दिन बचे हैं,बिक्री भले ही मंदा है,पर ये जरूर बढ़ेगी.

   पटाखों की बिक्री कम होने का एक कारण लोगों की बढ़ती जागरूकता भी है.बहुत से लोग मानने लगे हैं कि पटाखे जलाना यानी सीधे पैसे में आग लगाना है.ऐसे में बच्चों को मात्र खुश करने लिए बहुत से लोग नाममात्र का ही पटाखा खरीद रहे है.इंटरनेट पर भी बहुत से लोग इसके प्रति सबों को आगाह करते नजर आ रहे हैं.ऐसे में पटाखों की संतोषप्रद बिक्री नहीं होना इस व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए चिंता का कारण बन रहा है.
दीपावली पर सजा मूर्तियों और पटाखों का बाजार,घटी बिक्री दीपावली पर सजा मूर्तियों और पटाखों का बाजार,घटी बिक्री Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on October 23, 2011 Rating: 5

1 comment:

  1. Exactly Mr. Muzaffar Ahmad.
    You are Absolutely right...

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