जिले भर स्वस्थ करने का जिम्मा जिन कन्धों पर है वो खुद बीमार हो जाने के कगार पर जा पहुंचा है.दो दिन कुछ घंटे जम कर बारिस क्या हुई सदर अस्पताल मधेपुरा ही जलजमाव का शिकार हो गया.निकासी हो न सका तो पूरे अस्पताल परिसर में सड़ांध की स्थिति हो गयी है.दुर्गन्ध इतनी ज्यादा कि यदि जल्द जलनिकासी की व्यवस्था न की गयी तो यहाँ महामारी भी फ़ैल सकती है.अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी का कार्यालय हो या फिर विश्व स्वास्थ्य संगठन का कार्यालय सभी गंदे और गहरे पानी से घिर गए.अस्पताल आने वाले रोगियों का हाल तो और भी बुरा हो गया.अस्पताल घुसने में रोगियों को काफी मशक्कत करनी पड़ गयी.बूढ़े को जहाँ गिरने का डर लग रहा था,वहीं महिलाओं को कपड़े तक उठा कर गुजरना पड़ रहा था.अस्पताल प्रशासन
इस समस्या से निबटने में लाचार दिखता है.जल निकासी तथा साफ़-सफाई की व्यवस्था यहाँ नदारद है.सदर अस्पताल के उपाधीक्षक गोविन्द प्रसाद तम्बाखूवाला कहते हैं कि पानी तो सही में भरा हुआ है,पर आबंटन आने पर नाला बनेगा.

जो भी हो,आबंटन के चक्कर में यदि यहाँ महामारी फ़ैल गयी और लोग मौत के मुंह की तरफ जाने लगे तो सदर अस्पताल को कफ़न के लिए भी कुछ और आबंटन मांगना पड़ जाएगा.
सदर अस्पताल में ही बढ़ी महामारी की सम्भावना
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 21, 2011
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