अंगद कुमार/२६ फरवरी २०११
वर्ष २००८ में कोशी नदी जहाँ लाखों-लाख कोशी-वासियों पर कहर बरपा गयी और उन्हें बेघर कर बेवश जिंदगी जीने पर मजबूर किया,वहीं दूसरी ओर अधिकारियों और बिचौलियों के लिए कुबेर का भंडार भी लेकर आयी.कोशी के इस कहर ने मधेपुरा जिले के कुल ११ प्रखंडों तथा दो नगर पंचायतों को पूर्णतया अपने आगोश में ले लिया और तबाही का कोहराम इस तरह मचाया कि इन प्रखंडों में से ९ प्रखंडों का जिला मुख्यालय से यातायात संपर्क पूरी तरह भंग हो गया.कोशी की तबाही से सड़कें कई खण्डों में खंडित हुईं और यातायात व्यवस्था बद से बद्तर हालात में पहुँच गए.तबाही के इस इलाके में जब प्रलय की आंधी थमी तो यातायात व्यवस्था के पुनर्बहाली के लिए जिला
प्रशासन द्वारा प्रभावित सभी प्रखंडों में टास्क फ़ोर्स का गठन किया गया और खंडित सड़कों को जोड़ने हेतु यातायात पुनर्स्थापन कार्यों को अंजाम दिया गया फिर जिला मुख्यालय से भंग हुए प्रखंडों एवं पंचायतों का
सड़क संपर्क कायम हुआ.लेकिन इन कार्यों से सम्बंधित प्रतिवेदन ठीक दो वर्ष बाद जब सामने आया तो उनमें उल्लेखित तथ्य काफी चौंकानेवाले पाए गए जो एक बड़े घोटाले को उजागर करती है.यातायात पुनर्स्थापन के कार्यों में व्याप्त वित्तीय अनियमितताओं,सरकारी राशि के गबन आदि से जुड़े मामलों की प्रथम कड़ी में सर्वप्रथम आलमनगर प्रखंड अंतर्गत अंतर्गत गठित टास्क फ़ोर्स द्वारा कराये गए कार्यों से सम्बंधित रिपोर्ट आपके समक्ष प्रस्तुत है:
प्रशासन द्वारा प्रभावित सभी प्रखंडों में टास्क फ़ोर्स का गठन किया गया और खंडित सड़कों को जोड़ने हेतु यातायात पुनर्स्थापन कार्यों को अंजाम दिया गया फिर जिला मुख्यालय से भंग हुए प्रखंडों एवं पंचायतों का
सड़क संपर्क कायम हुआ.लेकिन इन कार्यों से सम्बंधित प्रतिवेदन ठीक दो वर्ष बाद जब सामने आया तो उनमें उल्लेखित तथ्य काफी चौंकानेवाले पाए गए जो एक बड़े घोटाले को उजागर करती है.यातायात पुनर्स्थापन के कार्यों में व्याप्त वित्तीय अनियमितताओं,सरकारी राशि के गबन आदि से जुड़े मामलों की प्रथम कड़ी में सर्वप्रथम आलमनगर प्रखंड अंतर्गत अंतर्गत गठित टास्क फ़ोर्स द्वारा कराये गए कार्यों से सम्बंधित रिपोर्ट आपके समक्ष प्रस्तुत है:प्रथम कड़ी:आलमनगर प्रखंड में गठित टास्क फ़ोर्स द्वारा संपादित कार्य
आलमनगर प्रखंड के अंतर्गत कोशी के कहर से क्षत-विक्षत यातायात व्यवस्था की बहाली के लिए गठित टास्क फ़ोर्स द्वारा टूटे सड़कों में यातायात पुनर्स्थापन एवं मरम्मती से सम्बंधित कुल १८५ योजना कार्य कराये गए.इन कार्यों के निमित्त अबतक मो० १६,४५,६१,१५४ रू० के पारित अभिश्रव के विरूद्ध मो० १५,०७,०७,११६ रू० का भुगतान सम्बंधित संवेदकों को किया जा चुका है और मो० १३८,५४,०३८ रू० संपादित कार्यों के विरूद्ध संवेदकों का लंबित है.सर्वप्रथम टास्क फ़ोर्स द्वारा कराये गए इन कार्यों का योजना संख्यां अंकित नही है,जबकि योजना संख्यां का निर्धारण आवश्यक है.इसके अलावे कई योजना कार्य ऐसे हैं जिसका बगैर प्राक्कलन तैयार कर संवेदकों को अनियमित भुगतान किया गया है.उदाहरण के तौर पर "आलमनगर बुधमा माली चौक के किमी प्रथम एवं दूसरे में आठवां भाग में मरम्मती कार्य के लिए बगैर प्राक्कलन के ८,१०,२७९ रू० का संवेदक मे० आलोक कुमार को भुगतान", "अथगावा खापुर पथ में आपातकालीन मरम्मती कार्य के लिए बगैर प्राक्कलन के १२,८३,६४४ रू० का विभागीय अधिकारियों द्वारा उसी संवेदक को भुगतान करना", "कुसहा के सोनामुखी पथ में आपातकालीन मरम्मती कार्य के लिए बगैर प्राक्कलन के सम्बंधित अधिकारी द्वारा संवेदक ए० के० कंस्ट्रक्शन को २५,६०,०९५ रू० का भुगतान किया जाना", "आशिकबासा से श्रीपुर बासा तक यातायात पुनर्स्थापन कार्य के लिए ४,९९,७८७ रू० का भुगतान संवेदक बिरेन्द्र कुमार को बगैर प्राक्कलन के" किया गया है.बगैर प्राक्कलन के कार्यों में लक्ष्मीनियाँ खुरहान पथ में यातायात पुनर्स्थापन कार्य से महमूद पथ में यातायात पुनर्स्थापन कार्य आलमनगर बुधमा माली चौक के तीसरे किमी में यातायात पुनर्स्थापन कार्य के लिए क्रमश: ६,०४,४२८ रू०,४,२७,१७२ रू०,१,९३,६६३ रू० का भुगतान नोडल पदाधिकारी द्वारा एक ही संवेदक रंजन कुमार सिंह को किया गया है.इसके अतिरिक्त बीस और कार्य योजना शेष हैं जिन कार्यों के लिए बगैर प्राक्कलन के राशि का भुगतान संवेदकों को किया गया है.शेष बीस योजना कार्यों के लिए नोडल पदाधिकारी द्वारा संवेदकों को अब तक ०१,४६,७२,२८० रू० का भुगतान किया जा चुका है और ४९,७१,७२९ रू० भुगतान हेतु लंबित हैं जिस राशि का भुगतान भविष्य में किया जाना है.कुल मिलाकर ०१,९६,४४,००९ रू० का योजना कार्य आलमनगर प्रखंड अंतर्गत गठित टास्क फ़ोर्स द्वारा बगैर प्राक्कलन के किया गया है.
विदित है कि प्रखंड स्तर पर गठित टास्क फ़ोर्स में एक कार्यपालक अभियंता के अधीन तीन सहायक अभियंता एवं पांच कनीय अभियंता थे जिनके द्वारा संपादित कार्यों से सम्बंधित अभिलेख का संधारण करना तथा पारित अभिश्रव (वाउचर) भुगतान हेतु कार्यपालक अभियंता पथ निर्माण विभाग,प्रमंडल मधेपुरा को समर्पित करना था,जो उक्त कार्यों के लिए नोडल पदाधिकारी नियुक्त किये गए थे.
(अगली कड़ी में होंगे नए खुलासे...........पढ़ें अगली कड़ी शनिवार ५ मार्च २०११ को )
महाघोटाले का पर्दाफाश:कड़ी नं० .1
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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February 26, 2011
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