राकेश सिंह/२६ मई २०१०
Congratulation! Your email address has won $500,000!! !
ई-मेल या मोबाइल के मैसेज इनबॉक्स में पढ़ते ही आपके दिल की धड़कन तेज हो जाती है और आपको लगता है आपकी किस्मत खुल गई.जितना धन मिहनत करके कमाने में कई जन्म लग जाते वो यूंही बैठे-बैठे मिल जाना सचमुच किस्मत की बात है. आप खुशी से पागल हो जाते हैं और अपनी खुशी अपने हितैषियों को सुनाते हैं.इतना ही नहीं,आप ये खबर अपने विरोधियों को भी सुनाते हैं ताकि वे आपके अचानक करोड़पति बन जाने पर इर्ष्या से जल-भुन जाएँ.
उसी मैसेज में आगे आपको यह भी कहा जाता है कि आप नीचे लिखे इन्फोर्मेशन को भर कर भेजें.
आप सारा इन्फोर्मेशन लिख भेजते हैं,कभी-कभी तो आपको आपके जीत का सर्टिफिकेट भी भेजा जाता है,सर्टिफिकेट भी ऐसा कि अविश्वास का कोई प्रश्न उठता नजर नहीं आता आपको.फिर आपको उस कंपनी के क्लेम एजेंट से संपर्क करवाया जाता है जो आपको यु एस डॉलर या अन्य विदेशी मुद्रा को इंडियन करेंसी में कन्वर्ट करने का शुल्क आपको अदा करने को कहता है जो महज २० हजार रूपये से ४०-५० हजार रूपये के आस-पास होती है.एक निठल्ला आदमी करोड़पति बनने के लिए इतनी कम राशि तो कर्ज लेकर या बीबी के गहने बेच कर भी दे सकता है. और इसी निर्णायक घड़ी में आप इनाम देने वाली कंपनी के कहे अनुसार रूपये किसी बैंक खाता में डाल कर सुन्दर भविष्य की कल्पना में डूब जाते हैं और आप अपनी तुलना टाटा या अम्बानी बंधुओं से करने लगते है.पर......
न कोई खत आया न कोई खबर आई. आप लाख छटपटाते है पर सच आपके सामने है,आप लुट चुके हैं.
जी हाँ ! ई-मेल और मोबाईल से इस तरह की ठगी आज जोरों पर है.सबसे पहले मैं ये बता दूं कि इस तरह इनाम देने वाली कोई कंपनी दुनियां में है ही नहीं.ठगों का ये समुदाय आम लोगों की इस मेंटलिटी से पूरी तरह वाकिफ है कि ज्यादातर लोग रातोंरात बिना कुछ किये अमीर बनना चाहते हैं.इंटरनेट से ठगी में उनके पकडे जाने की भी सम्भावना भी काफी कम हो जाती है क्योंकि किस कंप्युटर से ये मैसेज किया गया है या वो जाली अकाउंट किसका था ये पता करना बाद में काफी मुश्किल हो जाता है.दरअसल इस तरह के फ्रॉड की शुरुआत नाईजीरिया जैसे देश में हुई जहाँ ये नाईजीरियन दंड संहिता में धारा ४१९ के अंतर्गत आता है.व्हाईट कॉलर क्राइम के रूप में इंटरनेट के द्वारा किया जाने वाला ये क्राईम पूरी दुनिया को अपनी गिरफ्त में ले चुका है.अगर ये हाई-टेक ठग १०० लोगों को मैसेज भेजते है और दो भी इनके झांसे में आ जाते हैं तो इनकी चांदी ही चांदी.आज जबकि इंटरनेट का प्रसार छोटे-छोटे शहरों तक हो चुका है तो इनके लिए छोटे शहरों के लोगों को शिकार बनाना और आसान हो गया है.
मधेपुरा जैसा छोटा शहर भी इसके नेटवर्क से बाहर नहीं है.ऐसी ही एक घटना चार वर्ष पूर्व २००६ ई० की है जब जिला मुख्यालय के मस्जिद चौक पर स्थित एक सायबर कैफ़े का मालिक मो० रजीब ही इसका शिकार हो गए. रजीब को ऑस्ट्रेलियन लोटो लौटरी से इसी तरह का एक ई-मेल आया और इसके झांसे में आकार रजीब ने करीब ७५ हजार रूपये एक जाली अकाउंट में जमा कर दिए और हासिल कुछ नहीं हुआ. इसी तरह का एक ई-मेल हाल में जब डा० डेविड,यु०के० (संपर्क नं०- +४४८७१२४५५९४१) के नाम से व्यवहार न्यायालय मधेपुरा में पदस्थापित शिव प्रकाश चन्द्र को प्राप्त हुआ तो उन्होंने इसकी जानकारी मधेपुरा टाइम्स को दी. प्राप्त ई-मेल में जो सूचना उनसे माँगी गई उन्होंने भेज दिया. १३ मई को प्राप्त ई-मेल में उन्हें कहा गया कि उनके इनाम की राशि लेकर क्लेम एजेंट डा० हैरी मार्शल इंडिया में आपसे संपर्क करेगा और आपको GB Pound को रूपये में बदलने के लिए २०००० रूपये की राशि निर्देशानुसार जमा करनी होगी.आपका प्राइज एक हार्ड कवर से पैक है एवं इंश्योरेंस पॉलिसी (HCIP) से protected है जिसे deduction करना असंभव है.यह सब British National Gambling की धारा 13(1)(N) के अधीन है जिसे १९९३ में एडॉप्ट किया गया तथा ३ जुलाई १९९६ को Constitutional Assembly में संशोधित किया गया है.ये मैसेज उन्हें मि० रूनी जेम्स,डिलीवरी ऑफिसर (टेल.+४४८७१२४५५९२३) के नाम से भेजा गया. वादे के मुताबिक़ क्लेम एजेंट ने नियत समय पर फोन (+९१९७११९७३१९६) से श्री चन्द्र से संपर्क स्थापित किया और उन्हें “अशोक कुमार S.B. A/C No. 20011180832 code-SBIN0005362 Delhi branch SBI ” के खाते में जमा करने को कहा. परन्तु इस बार ये सायबर अपराधी श्री चन्द्र को अपना शिकार नहीं बना पाया. श्री चन्द्र ने सलाह के मुताबिक़ सारी सूचना मधेपुरा टाइम्स को दी और टाइम्स ने उन्हें इस ठगी की गहराई और सच्चाई से अवगत कराया और इसकी सूचना सायबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन सेल,नई दिल्ली को भेज दी.
श्री शिव प्रकाश चन्द्र तो अपनी जागरूकता की वजह से इस तरह के क्राईम का शिकार होने से बच गए पर ये भी सच है कि जानकारी और जागरूकता के अभाव में लाखों लोग इस तरह के ई-मेल और मोबाइल मैसेज के झांसे में आकार अपना सब कुछ गवां बैठते है.आवश्यकता है हम सबों को सायबर जागरूक होने की ताकि इस तरह ठगी का शिकार होने से बच सकें. यदि आपके पास भी इस तरह की कोई सूचना हो तो मधेपुरा टाइम्स को अबिलम्ब सूचित करें.
सावधान- ई-मेल या मोबाइल मैसेज आपको बर्बाद कर सकते हैं!
Reviewed by Rakesh Singh
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May 26, 2010
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