वार्ड नं. 18: तीन अधिवक्ताओं की पत्नियाँ समेत कुल 5 मैदान में, सबों के दावे मजबूत

मधेपुरा का वार्ड नंबर 18 नगर परिषद क्षेत्र में मौजूद सभी 26 वार्डों में कुछ अलग तरह का वार्ड है और माना जाता है कि इस वार्ड में पढ़े-लिखे और सरकारी तथा प्राइवेट नौकरी करने वालों के साथ अधिवक्ताओं की संख्या काफी अधिक है. कुछ लोग इसे वीआईपी वार्ड भी कहते हैं.

मधेपुरा शहर के बीचों बीच अवस्थित यह वार्ड बनावट में चौकोर है और यहाँ मतदाताओं की संख्यां 1874 है. मधेपुरा मुख्य सड़क और बाय पास रोड तथा स्टेट बैंक रोड से पूर्णियां गोला रोड के बीच बसे इस वार्ड में 2012 में हुए पिछले चुनाव में मुकेश कुमार ने 406 वोट लाकर अपने निकटतम प्रतिद्वंदी अनिल कुमार राय को हराया था. अनिल कुमार राय को कुल 254 मत ही प्राप्त हो सके थे. इस बार आरक्षण नियमों के तहत वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित हो चुका तो तीन अधिवक्ताओं की पत्नियाँ सहित कुल 5 महिला प्रत्याशी मैदान में हैं.

निवर्तमान वार्ड पार्षद मुकेश कुमार पिछले 10 वर्षों से वार्ड का प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं. वार्ड की स्थिति के बारे में मुकेश कुमार बताते हैं कि पिछले 10 वर्षों में उनके द्वारा काफी कार्य किये गए हैं. वृद्धा पेंशन तथा अन्य पेंशन, आवास योजना, एलईडी लाईट, साफ़-सफाई समेत जितनी भी योजनायें आई हैं उनका लाभ वार्ड को उन्होंने बढ़-चढ़ कर दिलवाया है. उन्होंने मधेपुरा टाइम्स के माध्यम से बताया कि वार्ड के लिए अलग से कोई फंड नहीं आता है. नगर परिषद् के लिए मिले फंड में से वार्ड पार्षद अपने कुशल व्यवहार, सक्षम प्रतिभा और नगर परिषद की जानकारी के आधार मिलने वाली राशि को अपने वार्ड में लाते हैं. मेरे कार्यकाल में कई सड़क बने और साफ़-सफाई भी मैं नियमित रूप से करवाता रहा हूँ. कहते हैं कि मेरी पत्नी इस बार चुनाव मैदान में है और जो छूटे हुए काम हैं, यदि जनता मौका देती है तो वह इस बार पूरा करेंगे. कहते हैं मेरी पत्नी मेरे 10 साल के कामों को नजदीक से देखती आ रही है और उन्हें नगर परिषद के कार्यों का अनुभव भी प्राप्त हो गया है. 

जबकि मैदान में खड़ी प्रत्याशी रेणु देवी के पति गणेश चंद्र यादव अधिवक्ता कहते हैं कि उनके पिता स्वर्गीय भोली  प्रसाद मंडल भी दो बार मधेपुरा से विधायक रह चुके हैं उसके साथ-साथ नगर परिषद के जीवन भर के अध्यक्ष भी रहे. इससे पहले 2002 में गणेश चन्द्र यादव खुद भी इस वार्ड के पार्षद रहे हैं. कहते हैं समाज सेवा में उनका परिवार हमेशा से है और जब इसबार पत्नी वार्ड की सेवा करना चाहती है तो वे पूरी तरह से उनके साथ हैं. वार्ड की जनता उन्हें परिवार का सदस्य मानती है और यहाँ का प्यार उन्हें हमेशा मिलता रहा है. वार्ड की समस्या के बारे में वे कहते हैं कि जल जमाव की समस्या यहाँ बड़ी है. सड़क की स्थिति ठीक नहीं है. उनके स्वर्गीय पिता के विधायक के काल में बनी सडकों की प्रशंसा अब भी होती है. जनता की जो भी समस्या होगी प्राथमिकता के आधार पर उन समस्याओं को निपटाने के लिए वे तत्पर हैं. कहते हैं दर्द उस समय होता है जब कुछ लोग समाज को जाति या अन्य आधार पर तोड़ना चाहते हैं.

प्रत्याशी प्रतिमा किरण वार्ड में कई समस्याएं गिनवाती है. जल जमाव, सड़के टूटी-फूटी होना, जगह-जगह गंदगी का अम्बार होना वार्ड की बड़ी समस्या है. उन्हें यदि मौका मिलता है तो महिलाओं की शिक्षा, वार्ड में सार्वजनिक शौचालय बनवाना, जल-जमाव की समस्या समेत अन्य समस्याओं को वे प्राथमिकता के आधार पर दूर करेंगे. प्रत्याशी प्रतिमा किरण के अधिवक्ता पति सुशील कुमार कहते हैं कि वार्ड के जो भी समझदार लोग हैं उन्हें वार्ड में समस्या ही समस्या दिखेगी. महिलाओं का युग है और उनकी पत्नी जनता की सेवा करने में खुद सक्षम है, वैसे मेरा सहयोग तो हमेशा रहेगा ही. जनता से उनका यही अनुरोध है कि महिला प्रत्याशी की क्षमता को देखकर ही वोट करें, पुरुष प्रत्याशी को देखकर नहीं, क्योंकि जो भी वार्ड पार्षद चुनी जाती है उन्हें अधिकारियों के साथ बैठना होगा और काम कराना होगा.

चुनावी मैदान में खड़ी प्रत्याशी ज्योति कुमारी कहती है कि वार्ड में समस्या ही समस्या है. नालों की स्थिति खराब है और पिछले वार्ड पार्षद के काम से वह बिल्कुल संतुष्ट नहीं है. जगह-जगह नाले टूटे हुए हैं, सड़क टूटे हुए हैं.
नालों के टूटे होने की वजह से लोगों को आने जाने में परेशानी होती है वाहन जगह-जगह फंसते हैं जिससे दुर्घटना होती है. इसके अलावा वार्ड में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. हाउसिंग योजना का लाभ भी सही लोगों को नहीं मिला है. जिन्हे ज्यादा आवश्यकता थी उन्हें नहीं मिला है और जिन्हें आवश्यकता नहीं थी, जो संपन्न थे उन लोगों को दे दिया गया है. अगर उन्हें जनता मौका देती है तो वह साफ सफाई समेत इन सारे कार्यों को निश्चित रुप से करवाएंगे. ज्योति कुमारी के अधिवक्ता पति नीरज कुमार पिंटू कहते हैं कि जीत की स्थिति में नालों की स्थिति में सुधार समेत हम वार्ड में कई ऐसे काम भी करवाएंगे, जो नए होंगे.

जबकि प्रत्याशी पुष्पलता देवी के पुत्र डायमंड यादव निवर्तमान पार्षद मुकेश कुमार पर तीखे आरोप लगाते कहते हैं कि कई मुद्दों पर उन्होंने जब निवर्तमान वार्ड पार्षद से सवाल किया तो उनका जवाब बेहद असंतोषजनक रहा, जो दर्शाता है कि वे एक लापरवाह वार्ड पार्षद रहे हैं. सवाल उठाते डायमंड यादव पूछते हैं कि दस साल में क्या किया उन्होंने? कहते हैं कि दस साल में आठ ही रोड यानि एक साल में एक से कम रोड बनवाया? वार्ड का कोई भी ऐसा नाला नहीं है जिसमे गंदगी नहीं हो. कई नालों पर से ढक्कन खुले हुए हैं. जनता पार्षद को आवाज उठाने के लिए चुनती है, पर वार्ड के उन्होंने कोई आवाज नहीं उठाया. ग़रीबों को नहीं बल्कि सभी दो मंजिले वालों को ही आवास योजना का लाभ मिला है. यदि जाँच हो जाय तो उन्हें जवाब देते नहीं बनेगा.  डायमंड यादव वार्ड में बहुत सारे काम करने की आवश्यकता है. कहते हैं यदि वे चुने जाते हैं तो दो महीने के अन्दर जल निकासी की समस्या दूर कर देंगे और यदि वार्ड की समस्याओं को दूर नहीं कर पाए तो पद से इस्तीफा दे देंगे. वे जनता के लिए जेल तक जाने को तैयार हैं.

जबकि सबों के दावों और वादों के बीच वार्ड नं. 18 में हर प्रत्याशी ने वोटरों को अपने पक्ष में लेने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. अब जब चुनाव में महज दो दिन बचे हैं तो सभी प्रत्याशी समर्थकों का हुजूम लेकर हर दरवाजे पर पहुँचते हैं ताकि कोई उन्हें किसी से कमजोर न समझें. पर प्रत्याशियों के खुले समर्थकों के अलावे बहुत सी जनता है कि खुलती नहीं. अभी इस वार्ड में स्पष्ट रूप से कुछ भी कहना मुश्किल लग रहा है. ऐसे में हमें 23 मई की सुबह का इन्तजार करना होगा कि कौन कितने पानी में है?

(सुनिए क्या कहा गया प्रत्याशियों की तरफ से, यहाँ क्लिक करें)
वार्ड नं. 18: तीन अधिवक्ताओं की पत्नियाँ समेत कुल 5 मैदान में, सबों के दावे मजबूत वार्ड नं. 18: तीन अधिवक्ताओं की पत्नियाँ समेत कुल 5 मैदान में, सबों के दावे मजबूत Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on May 18, 2017 Rating: 5
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