रेप के प्रयास मामले में मधेपुरा पुलिस की संवेदनहीनता पर हाई कोर्ट की तीखी प्रतिक्रिया, डीजीपी को भेजा निर्देश

मधेपुरा थानान्तर्गत साहुगढ़ वार्ड नं. 8 में एक नाबालिग के साथ हुए दुष्कर्म के प्रयास मामले में माननीय उच्च न्यायालय ने मधेपुरा पुलिस के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. मामले में उच्च न्यायालय ने दुष्कर्म के प्रयास के आरोपी शिव सदा को जमानत दे दी है.
      मामले को गंभीरता से लेते हुए हाई कोर्ट ने आपत्ति जताई है कि जब एक नाबालिग जिसकी उम्र महज 15 साल बताई गई है, के साथ ऐसी घटना हुई तो फिर पुलिस ने मामले को मधेपुरा थाना कांड संख्यां 285/2013 के रूप में सिर्फ 376/511 आइपीसी (बलात्कार के प्रयास) में ही क्यों दर्ज किया. जबकि ऐसे मामले में Protection of Children from Sexual Offences Act 2012 (पोक्सो)  की धाराएँ भी लगाई जानी चाहिए थी. माननीय जस्टिस जितेन्द्र मोहन शर्मा ने अपने आदेश में कहा कि एक तो पुलिस ने ऐसे मामले में पोक्सो की धाराएँ नहीं लगाई दूसरी तरफ मधेपुरा के न्यायालय ने भी उक्त धाराओं में संज्ञान नहीं लिया जो ऐसे संगीन मामलों में पुलिस और कोर्ट की संवेदनहीनता दर्शाता है.
      हाई कोर्ट ने बिहार के डीजीपी को निर्देश दिया है कि वे बिहार भर के पुलिस को पोक्सो के प्रति संवेदनशील बनायें. साथ ही उच्च न्यायालय ने सभी जिला एवं सत्र न्यायाधीश को भी निर्देश दिया कि सम्बंधित मामलों में पोक्सो की सुसंगत धाराओं को लागू करावें.
रेप के प्रयास मामले में मधेपुरा पुलिस की संवेदनहीनता पर हाई कोर्ट की तीखी प्रतिक्रिया, डीजीपी को भेजा निर्देश रेप के प्रयास मामले में मधेपुरा पुलिस की संवेदनहीनता पर हाई कोर्ट की तीखी प्रतिक्रिया, डीजीपी को भेजा निर्देश Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on June 10, 2014 Rating: 5

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