चरित्रहीनता के आरोप में तीन जज बर्खास्त: नीतीश बाबू ‘पंसारी’ को क्यों पोस रखे हैं ?

|वि० सं०|10 फरवरी 2014|
26 जनवरी 2013 को नेपाल के विराटनगर के होटल मेट्रो में कुछ युवतियों के साथ पकड़ाए गए बिहार के तीन जजों को पटना हाईकोर्ट की फुलकोर्ट ने बर्खास्त कर दिया है. सबजज नवादा कोमल राम, एडीजे एडहॉक आरा जितेन्द्र नाथ सिंह तथा प्रधान न्यायाधीश मुजफ्फरपुर हरिनिवास गुप्ता के नेपाल में युवतियों के साथ पकडे जाने की खबर विराटनगर के एक स्थानीय अखबार में छपी थी. हालाँकि पकड़ाए जाने के कुछ घंटे बाद ही पुलिस के द्वारा जजों को छोड़ देने की बात कही जा रही थी.
      मामले पर संज्ञान लेते हुए पटना हाई कोर्ट ने पूरी जांच के बाद शनिवार को मुख्य न्यायाधीश रेखा मनहर दोषित की अध्यक्षता में हुई जजों की बैठक में तीनों जजों को बर्खास्त कर दिया. साथ ही इन्हें पेंशन आदि की सुविधा से भी वंचित कर दिया गया.
      बता दें कि मधेपुरा के पूर्व डीडीसी श्रवण कुमार पंसारी की चरित्रहीनता का वीडियो जब पहली बार मधेपुरा टाइम्स ने जारी किया था तो कई लोगों ने इसे अधिकारी का निजी मामला करार देते हुए हमारी खबर पर आपत्ति जताई थी. चरित्रहीनता कभी निजी मामला नहीं होता है.
वर्तमान में मुजफ्फरपुर में पदस्थापित मधेपुरा के पूर्व डीडीसी श्रवण कुमार पंसारी के लीक वीडियो पर जदयू के बिहार प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा था कि जिम्मेदार पदों पर आसीन अधिकारियों को व्यक्तिगत जीवन में भी शालीनता बरतनी चाहिए और ऐसे पदाधिकारियों को सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी. पर अभी तक उक्त पदाधिकारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं होना बिहार सरकार को कटघरे में खड़ा करता है. हालाँकि बताया जा रहा है कि लंबी बीमारी की बात बताकर उक्त अधिकारी किसी दूसरे जगह अपना इलाज करा रहे हैं. वैसे विपक्ष ने उसी समय सरकार की नीयत पर संदेह जताते हुए कहा था कि सरकार में ऐसे अधिकारियों की भरमार है और सरकार इनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करेगी.
चरित्रहीनता के आरोप में तीन जज बर्खास्त: नीतीश बाबू ‘पंसारी’ को क्यों पोस रखे हैं ? चरित्रहीनता के आरोप में तीन जज बर्खास्त: नीतीश बाबू ‘पंसारी’ को क्यों पोस रखे हैं ? Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on February 10, 2014 Rating: 5

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