मुरलीगंज के ‘रैन बसेरा’ गिरने पर एफआईआर क्यों नहीं ?

|वि० सं०|08 अक्टूबर 2013|
मुरलीगंज नगर पंचायत में लाखों की लागत से बन रहे रैन बसेरा के निर्माण में गलत सामग्री प्रयोग करने के कारण ढलाई के कुछ ही घंटे के बाद गिर जाने के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराने की मांग हो रही है.
      कोशी प्रमंडलीय भ्रष्टाचार निवारण संगठन के अध्यक्ष सह अधिवक्ता राजीव जोशी ने मधेपुरा के जिलाधिकारी से आवेदन देकर अनुरोध किया है कि रैन बसेरा मामले में अपने स्तर से जांच कर कार्यवाही करने का अनुरोध किया है.
      श्री जोशी ने आरोप लगाया है कि गत 27 सितम्बर को मुरलीगंज में गोशाला चौक के पास रैन बसेरा गिरने के बाद कार्यपालक पदाधिकारी तथा विभागीय अभियंता ने आननफानन में रातोंरात मलबे को मशीन से हटा कर दो दिनों के अंदर ही एफआईआर दर्ज कराने की बजाय फिर से रैन बसेरा बनाने का कार्य शुरू करवा दिया. यह स्पष्ट करता है कि घटिया सामग्री तथा प्राक्कलन के विपरीत कार्य कराने के कारण ही रैन बसेरा गिरा.
      उन्होंने मुरलीगंज नगर पंचायत में के.पी. कॉलेज में बन रहे शौचालय तथा स्नानागार के निर्माण में भी तीन नंबर ईंट, लोकल बालू, घटिया सीमेंट और छड के प्रयोग होने के अभी आरोप लगाये. राजीव जोशी में दोनों ही निर्माण में अनियमितता की जांच करवाने की मांग जिलाधिकारी से की है. अब देखना है कि जिलाधिकारी ऐसे मामले में रुचि लेते भी हैं या फिर जिले में लूट का खेल जारी ही रहता है.
मुरलीगंज के ‘रैन बसेरा’ गिरने पर एफआईआर क्यों नहीं ? मुरलीगंज के ‘रैन बसेरा’ गिरने पर एफआईआर क्यों नहीं ? Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on October 08, 2013 Rating: 5

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