शराब का दौर: दो सौ एक्सीडेंट, होली है....

|राजीव रंजन|28 मार्च 2013|
हिंदुओं के महान पर्व होली पर शराब पीना मानो धार्मिक प्रथा हो. हुडदंग करने के लिए नशा का होना जरूरी समझते हैं लोग और इसी में कभी-कभी उनके आन पर बन आती है.

      वैसे तो जिले में कुछ लोग आज भी होली मना रहे हैं पर बीती कल की होली की बात करें तो शराब की दुकानें खुली रही और दिन भर जमकर शराब की बिक्री होती रही. बहुत से मोटरसायकिल सवारों ने जमकर पी और नशे में खुद को फिल्मी हीरो मानते हुए मोटरसायकिल उड़ाया और नियंत्रण खोकर दुर्घटनाग्रस्त हुए.

      जिले भर के दुर्घटनाग्रस्तों के आंकड़े जमा करना तो एक मुश्किल काम है पर सिर्फ शहर भर में दो सौ से अधिक लोग दुर्घटनाग्रस्त हुए. विभिन्न अस्पतालों से जमा किये गए आंकड़े के मुताबिक 185 लोग दुर्घटनाग्रस्त होकर अस्पताल में दाखिल हुए जिनमें दो इसी अवसर पर जलने से घायल हुए थे. करीब 35 लोग कै-दस्त के मरीज अस्पताल में दाखिल हुए जिनकी हालत दारू-भांग पीने और अगडम-बगडम खाने से खराब हुई.

      पर सरकार संभवत: होली पर रिकॉर्ड-तोड़ शराब बेचकर अपने खजाने को भर कर खुश होगी. जाय जनता भांड में..सरकार कह सकती है..बुरा न मानो होली है...

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