रात में मानसी से सहरसा-मधेपुरा जा रहे हैं?जरा बचके..

रूद्र ना० यादव/०९ दिसंबर २०११
मानसी-सहरसा रूट में ट्रेनों में नशाखुरानी गिरोह अब सक्रिय हो गए हैं.खास कर रात में चलते वक्त सावधानी की विशेष जरूरत है.सूत्र बताते हैं कि इस गिरोह में करीब एक दर्जन से ज्यादा लोग हैं जो मानसी से ही मोटे आसामियों पर अपनी कुटिल द्रष्टि डाल देते हैं.आसपास बैठकर कुछ खिलाने का प्रयास करना तो अब पुरानी तकनीक हो गयी है,नई तकनीक में ये अब अपनी आजमाईश कुछ खोमचेवालों के माध्यम से भी करने लगे हैं, जो अब इनके लिए कमीशन पर काम करते हैं.इनकी दी हुई वस्तु या चाय जैसे ही आपने ग्रहण किया आपके जीवन पर भी ग्रहण लग गया.बेहोश होते ही ये आपका सारा सामान लेकर उतर जाते हैं.खाने या पीने वाले सामान में नशीले पदार्थों की मात्रा अधिक होने पर आपकी जान पर भी बन सकती है.
  ऐसे ही गिरोह का शिकार बने एक यात्री पर मधेपुरा रेलवे स्टेशन पर पड़ी,जो सुबह में बेसुध पड़ा हुआ था.जैसे ही मधेपुरा टाइम्स के कैमरे ने उसकी तस्वीरें लेनी शुरू की, तो रेलवे प्रशासन की भी नींद खुली.आनन-फानन में उस बेहोश यात्री को अस्पताल पहुँचाया गया,जहाँ उसकी जान तो बच गयी,पर ये घटना ये दर्शाता है कि रेलवे प्रशासन द्वारा इस तरह के वारदातों को रोकने के कोई प्रयास नहीं किये जा रहे हैं.सूत्रों का मानना है कि रेलवे में होने वाले बहुत से अपराधों में रेलवे से जुड़े लोगों की भी मिली भगत होती है.
   कुल मिलाकर बेहतर यही होगा न सिर्फ अपने सामानों की सुरक्षा स्वयं करे,बल्कि खुद की भी सुरक्षा पर ध्यान दें.हो सके तो घर का खाना साथ में रखें और सह-यात्रियों का दिया हुआ खाने से परहेज करें.
रात में मानसी से सहरसा-मधेपुरा जा रहे हैं?जरा बचके.. रात में मानसी से सहरसा-मधेपुरा जा रहे हैं?जरा बचके.. Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on December 09, 2011 Rating: 5

2 comments:

  1. BAHUT HI UMDA PRAYAS HAI AAPKA.KHASKAR POOR STUDENT KA PATNA SE MADHEPURA JANA HOTA HAI.JAGRUKTA KI DISHA MEIN YE APKA SARTHAK KADAM HAI.
    THANK YOU.

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  2. ye jurm us waqt tak hote rahenge jab tak railway police ke jawan '' borawali '' ''tokriwali'' se 5 , 10 rupe ke lye hath faila kr apni man maryada aor police ki izzat ko daw par lgate rahenge ..
    ... zra sochye jab 5,10 rupe ke lye ye hal he to 100;200 ke lye kya kuch nhi kr sakte ... crime isiliye to badhta he jab hum imandari ki jagah bharashtachar ko badhawa dete hen ...

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