19 अप्रैल 2024 की शाम टॉप टेन अपराधियों के खिलाफ चलाए गए समकालीन अभियान के तहत पुलिस ने बरियाही वार्ड-12 निवासी गुमेश सरदार को पकड़ने के लिए छापेमारी की थी. पूछताछ के बाद पुलिस ने उसे हिरासत में लिया. तभी गुमेश सरदार ने शोर मचाकर अपने परिजनों को बुला लिया. परिजन जमा हो गए और पुलिस को गुमेश को ले जाने से रोकने लगे. पुलिस समझाने की कोशिश कर रही थी, तभी गुमेश सरदार और उसके परिजन लीलेन देवी, मुस्कान कुमारी, अंशु कुमारी, पूजा देवी, सुनील ऋषिदेव, दिनेश ऋषिदेव, अखिलेश ततमा, सिया देवी, किरण देवी, रंजन देवी, मीरा देवी, केली देवी, उमेश ऋषिदेव, अरविंद सरदार समेत 50-60 अज्ञात लोग पुलिस से उलझ गए. सभी पुलिस को गाली देने लगे. बोले- हम हरिजन हैं, हरिजन बस्ती से पुलिस किसी को नहीं ले जा सकती. धमकी दी कि पुलिस जबरदस्ती करेगी तो झूठा केस कर फंसा देंगे.
इसी दौरान गुमेश सरदार और उसके परिजनों ने पुलिस से धक्का-मुक्की शुरू कर दी. पुलिसकर्मियों की पिस्टल छीनने की कोशिश की गई. गुमेश सरदार परिजनों की मदद से पुलिस और चौकीदार की गिरफ्त से भाग निकला. जब पुलिस ने दोबारा पकड़ने की कोशिश की, तो सभी ने पुलिस पर जानलेवा हमला कर दिया. फायरिंग भी की गई. किसी तरह पुलिसकर्मी और चौकीदार जान बचाकर गांव से निकले.
सरकारी काम में बाधा, पुलिस पर हमला, अपराधी को छुड़ाने और पिस्टल छीनने की कोशिश के आरोप में केस दर्ज किया गया. सुलेन ऋषिदेव पर शंकरपुर थाना में कांड संख्या 73/24 और 220/24, राघोपुर थाना में 323/24 दर्ज है. छापेमारी में थानाध्यक्ष रौशन कुमार, पुलिस पदाधिकारी अभय कुमार सिंह, नागेन्द्र कुमार और पुलिस बल शामिल थे.

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