गौरतलब हो कि 25 सितंबर को, जब विद्यालय बंद था, प्रधानाचार्य ने स्कूल के पीछे सरकारी किताबों के दो ढेरों में आग लगाई। जलते हुए किताबों से उठते धुएं को देखकर स्थानीय लोग घटनास्थल पर पहुंचे और इस कृत्य को लेकर अपनी गहरी नाराजगी जताई। ग्रामीणों ने तत्काल उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी.
स्थानीय ग्रामीणों द्वारा जलते हुए किताबों के वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल किया. क्योंकि बच्चों के लिए पर्याप्त किताबें न होने के बावजूद स्कूल की पुस्तकें जलाना काफी दुर्भाग्यपूर्ण माना जा रहा है। स्थानीय ग्रामीणों द्वारा बनाए गए वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि 2023-24 सत्र की सरकारी किताबें जल रही थीं। इस वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही घटना ने व्यापक चर्चा छेड़ दी। वीडियो में नाइट गार्ड भी दिखाई दे रहा है,
घटना के विषय में प्रत्यक्षदर्शी का बयान
किताब जलाने की घटना के प्रत्यक्षदर्शी के रूप में आज विद्यालय में मौके पर मौजूद थे उन्होंने बताया कि मेरा नाम मनोज कुमार शर्मा, घर दिघी वार्ड नंबर 5 है. मेरी दो बच्ची विद्यालय में वर्ग पांच की छात्रा है जो अपना नाम तक ठीक से नहीं लिख पाती. शिक्षा व्यवस्था तो ध्वस्त हो चुकी है. बच्चों के किताब जलाने के मामले में उन्होंने कहा बताया कि हां उसे दिन किताब जलाया गया है और तीन दिनों के बाद पदाधिकारी जांच को पहुंचे हैं जबकि कोई चीज तो किसी भी वस्तु के जलने के बाद क्या सबूत बचेगा?
वहीं जलते हुए किताबों का वीडियो बनाकर डालने वाले ग्रामीण आजाद कुमार सिंह घर दिग्धी वार्ड नंबर 6 को विद्यालय के शिक्षकों द्वारा डराए धमकाये जाने की बात बताई जा रही है. यहां तक कि उन्होंने बताया कि उन पर प्राथमिकी दर्ज करवाकर कानूनी दांव पेच में फसाए जाने की बात भी कहीं जा रही है.
वहीं स्थानीय ग्रामीणों ने दबी जुबान से कहना शुरू किया कि डीपीओ सब ने सिर्फ बच्चों से क्लासरूम में जाकर के पूछा कि बच्चों तुम्हारे पास किताब है तो बच्चे भी शिक्षकों द्वारा रटाए गए शब्दों में जवाब दिया. जांच को पहुंचे पदाधिकारी द्वारा प्रत्येक क्लास पहुंचकर नामांकित बच्चों की संख्या एवं पुस्तक वितरण पंजी से मिलान किया जाता तो शायद मामले का उद्वेदन हो पता
जांच के दौरान, डीपीओ अभिषेक कुमार ने विद्यालय परिसर में जली हुई किताबों की राख के ढेर का निरीक्षण किया और छात्रों एवं स्थानीय लोगों से पूछताछ की। उन्होंने कहा कि इस मामले की गहनता से जांच की जा रही है और जल्द ही रिपोर्ट शिक्षा विभाग के वरीय पदाधिकारी को सौंपी जाएगी। ग्रामीणों ने इस घटना को बच्चों की शिक्षा के प्रति एक गंभीर लापरवाही बताते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। मामले की जाँच जारी है.
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