इस अवसर वक्ताओं ने कहा कि मेडिकल कॉलेज की स्थापना हुए चार साल से अधिक बीत चुके हैं, लेकिन इतने समय बीतने बाद भी कोशी के लोगों को इलाज के बाहर ही जाना पड़ रहा है. मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफरल अस्पताल बनकर रह गया है। इसके लिए नागरिक मंच ने ई- शिक्षा कोष ऐप के तर्ज पर मेडिकल कॉलेज अस्पताल मे चिकित्सक और कर्मियों उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए एप बनाने की मांग की।
वक्ताओं ने आरोप लगाया कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कार्यरत चिकित्सक हाजरी बनाकर अस्पताल से गायब रहते हैं । इसलिए जरूरी है कि चिकित्सक और कर्मियों का रोस्टर सार्वजनिक करते हुए उसे मुख्य द्वार और विभागों में प्रदर्शित किया जाय ।
वक्ताओं ने कहा कि पूरा अस्पताल जूनियर डॉक्टर के सहारे चल रहा है। इसलिए जरूरी ओपीडी और इमर्जेंसी में सभी विभागो के सीनियर डाक्टरों की उपस्थिति सुनिश्चित किया जाय। इसके साथ ही मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सभी विभागों के सीनियर एम एस, एमडी, डीएम चिकित्सक की स्थापना हो. इसमें न्यूरोसर्जन गैस्ट्रोलॉजिक, कार्डियोलॉजिस्ट, ओर्थोपेडिक सर्जन, इंटरनल मेडिसिन आदि को प्राथमिकता दिया जाय ।
वक्ताओं ने कहा कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल मे उपकरण की कमी है, हड्डी जोड़ने वाले स्टील को गरीबी को बाहर से खरीदना पड़ता है, दवा मरीज़ को बाजार से खरीदने को विवश होना पड़ रहा। दावा तो एयर एंबुलेंस उपलब्ध कराने की थी, लेकिन एंबुलेंस भी नहीं मिल रहा है ।
वक्ताओं ने कहा कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मूलभूत सुविधा और शुद्ध पेयजल नहीं मिलता है, लिफ्ट खराब पड़े हैं, साफ सफाई की समुचित व्यवस्था नहीं है। एनजीओ का लूट खसोट जारी है, मजदूर को न्यूनतम मजदूरी नहीं मिल रहा है।
वक्ताओं ने सरकार और मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रशासन से मांग करते चेतावनी दी कि नहीं सुधार होने के बाद नागरिक मंच चरणबद्ध आंदोलन करेगी ।
वक्ताओं मे नागरिक मंच के संयोजक विजेन्द्र प्रसाद यादव, प्रमोद प्रभाकर, गणेश मानव, राम चन्द्र दास, आनन्द मंडल, इश्तियाक आलम, मुकेश कुमार, महासचिव अनिल अनल, अरविन्द कुमार, विधाधर मुखिया, अमेश यादव, पंकज यादव, निशांत यादव, संजीव कुमार, कृष्ण कुमार, रमेश शर्मा, पिंटू कुमार, वसीमुदधीन आदि ने भी संबोधित किया । धरना में रामचन्द्र मंडल, कुमारी विनिता भारती, राम कुमार यादव, मुखिया मुकेश कुमार, रामजी यादव सहित सैंकड़ों लोग शामिल थे ।
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