आज मधेपुरा के कलाभवन परिषर धरनास्थल पर आंगनबाड़ी सेविका सहायिका ने धरना प्रदर्शन किया. धरना देते हुए सेविका ने कहा कि विगत विधानसभा चुनाव के दौरान महागठबंधन पार्टी के द्वारा अपने घोषणा-पत्र में वादा किया गया था कि यदि महागठबंधन की सरकार बनती है तो, आँगनबाड़ी सेविका सहायिका के मानदेय को दोगुणा किया जायेगा. साथ ही माननीय उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के द्वारा अधिकांश चुनावी सभाओं में आश्वासन भी दिया गया था. मानदेय दोगुणा करने की बात तो छोड़ दिया जाय अभी तक प्रतिनिधि मंडल से बात करना भी मुनासिब नहीं समझा. ज्ञातव्य है कि वर्तमान वर्ष में जनवरी माह से मार्च माह के बीच तीन महीने तक का संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा आहुत चरणबद्ध आन्दोलन के दरम्यान निदेशक आईसीडी एवं प्रधान सचिव समाज कल्याण विभाग द्वारा दिये गये आश्वासन पर भरोसा करते हुए संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा चरणबद्ध आन्दोलन के अंतिम चरण राज्यव्यापी विशाल प्रदर्शन को स्थगित कर दिया गया था.
तीन महीने बाद 26 जुलाई 2023 को आँगनबाड़ी संघर्ष समिति का प्रतिनिधि मंडल निर्देशक से मिलकर सरकार द्वारा किये गये वादे को पूरा करने की माँग याद दिलाई गई तो मानदेय राशि बढ़ाई जानी तो दूर, अन्य जिन माँगों पर सहमति बनी थी उसे भी उलटी पुलटी बातो में उलझाकर टाल दिया गया. इस प्रकार वादा खिलाफी के कारण सेविका, सहायिका अपने को ठगा महसूस कर रही है. इन बातों से आँगनबाड़ी कर्मी मर्माहत है. सरकार द्वारा चलाये गये हर कल्याणकारी योजनाओं को सफल बनाने के लिए, शत प्रतिशत सरकार के आदेश का हर समय पालन कर कदम से कदम मिलाकर चलने का काम कर रही है. चाहे वह महामारी कोरोना हो पोलियो उन्मूलन कार्य हो, नियमित टीकाकरण हो, चुनाव प्रक्रिया हो, वी.एल.ओ. का कार्य हो, जन्म मृत्यु निबंधन का कार्य हो, जाति जनगणना हो, प्रधानमंत्री वंदन योजना कार्य हो, मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना इत्यादि कार्यों को सम्पादित करने में आँगनबाड़ी केन्द्र संचालित करने के बाद भी इतने कम मानदेय पर आँगनबाड़ी कर्मी का महत्वपूर्ण योगदान रहता है. इनके बगैर सरकार के कार्यों की प्रगति थम सी जाती है. फिर भी इनके तथा परिवार के जीवन यापन हेतु मात्र 5950 रूपया मासिक मानदेय दिया जाता है. जो एक दैनिक मजदूरी से भी बहुत कम है.
हमारी मुख्य मांगें हैं :
(1) बिहार सरकार द्वारा अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि 10,000 (दस हजार ) भुगतान करना सुनिश्चित किया जाय.
(2) सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में बिहार सरकार के द्वारा भी ग्रेच्युटी भुगतान करना.
(3) केन्द्र सरकार द्वारा सरकारी कर्मचारी का दर्जा देते हुए क्रमशः ग्रेड सी और ग्रेड डी में समायोजित किया जाय. जब तक सरकारी कर्मचारी का दर्जा नहीं मिलता तब तक सेविका को 25000/- (पच्चीस हजार) एवं सहायिका को 18000/- प्रतिमाह मानदेय दिया जाय.
(4) 10 बोनस अंक देकर सेविका को पर्यवेक्षिका एवं सहायिका को सेविका के रिक्त स्थान पर अविलंब बहाल किया जाय.
(5) दिनांक 16.05.2017 एवं 20.07.2022 के समझोते के आलोक में लंबित मांगों को लागू किया जाय.
![आँगनबाड़ी सेविका सहायिका ने अपनी मांगों को लेकर दो दिवसीय दिया धरना](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiV5rB5GrclQVTSOAQDVwUjxgW6ab5zlEjYaAsn8f10CaicX1pRwxTd8qvCOG5TA9gOkDBhPXATR3GIeVh5HJDtiln6w17f23IFRGJ9Am-WSvYYhANqZgRLYuqWRysSAkjZK41D-6ccUNKnC3xstW9ddk-6hbIUf-JTm3Q39iCvD2ZoGVa7LXLekgK0Z3Q/s72-c/Screenshot%202023-11-03%20230431.png)
No comments: